अपने भाषण के हटाए गए अंशों पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है, लेकिन हकीकत में सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता है। जो मैंने कहा और जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया, वह सच्चाई है। अब उन्हें जो मिटाना है मिटाएं। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि उन्होंने जो कल बयान दिया था, वो नियम के अनुसार नहीं था। वह नेता प्रतिपक्ष हैं तो उन्हें नियम के मुताबिक बयान देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि राहुल गांधी अभी अपरिपक्व हैं। वह विरोधी दल के नेता जरूर हो गए हैं लेकिन परिपक्व अभी नहीं हुए हैं। ऐसा भाषण दे रहे थे जैसे लग रहा था कि आम सभा में बोल रहे हैं। उसमें कोई तथ्य नहीं, न ही कोई सच्चाई थी।
सच्चाई कड़वी लगती है : शैलजा
हरियाणा से सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि राहुल गांधी जो भी कहते हैं जिम्मेदारी से कहते हैं। अगर सच्चाई सत्तापक्ष को कड़वी लगती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो अपनी सत्ता का इस तरह से इस्तेमाल करते हुए नेता प्रतिपक्ष की बातों को हटा दे। हमें लगता है कि स्पीकर को इस पर पुन: विचार करना चाहिए।
खत्म नहीं हुआ ईवीएम का मुद्दा
ईवीएम पर लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था और आज भी नहीं है। मैं 80 की 80 सीटें जीत जाऊंगा तब भी भरोसा नहीं है। ईवीएम का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। पेपर लीक मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े।