भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे ने पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है और मैंने पार्टी नेतृत्व से भी कहा है कि बिहार में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बननी चाहिए। पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा अकेले अपने दम पर सत्ता में आए और अपने सहयोगियों को भी आगे ले जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए हर कार्यकर्ता को अभी से काम पर लग जाना चाहिए। मैं बिना किसी अपेक्षा के इसे बखूबी निभाऊंगा।
चुनाव के बाद तय होगा सीएम फेस
अश्विनी चौबे ने कहा कि मुझे लगता है कि हम नीतीश कुमार को साथ लेकर आगे बढ़ रहे थे, आज भी आगे बढ़ रहे हैं और आगे भी आगे बढ़ेंगे। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा तय होगा। पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व यह तय करेगा। लेकिन पार्टी के संगठन को पार्टी में आयातित माल हमें कभी बर्दाश्त नहीं। इसलिए अध्यक्ष के पद पर निश्चित रूप से संगठन के मूल का व्यक्ति होना चाहिए।
इसलिए नीतीश हैं भाजपा की मजबूरी
नीतीश कुमार भाजपा की मजबूरी हैं। यही वजह है कि भाजपा ने नीतीश कुमार को तीसरी बार गले लगाया है। चूंकि केंद्र में भाजपा अल्पमत में है, इसलिए जेडीयू का समर्थन लेना उसकी मजबूरी है। जेडीयू के 12 सांसद एनडीए के लिए काफी अहम हैं। इसलिए भाजपा ने तय किया है कि 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब अश्विनी चौबे ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया है, जिसकी ज्यादा अहमियत अभी दिख नहीं रही है। भाजपा ने उन्हें केंद्रीय मंत्री भी नहीं बनाया है। इसलिए यह उनकी खीझ भी हो सकती है।