चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ का करारा जवाब देते हुए मोदी सरकार ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के अगले 10 वर्षों तक संचालन के लिए करार पर हस्ताक्षर किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मोदी के कुशल नेतृत्व में एक और बड़ी पोर्ट स्ट्राइक हुई है। अब पोर्ट का पूर्ण संचालन भारत के हाथों में होगा। भारत की तरफ हमेशा आंखें तरेरकर देखने वाले पाकिस्तान और चीन के खिलाफ यह बहुत बड़ी कूटनीतिक सफलता है।
अमेरिका भी है नाराज.. दी धमकी
भारत और ईरान के बीच चाबहार में पोर्ट को लेकर हुए विकास की डील से पाकिस्तान और चीन जहां डरे हुए हैं, तो वहीं अमेरिका भी इससे नाराज है। हालांकि 2018 में अमेरिका ने चाबहार पोर्ट के विकास के लिए भारत को कुछ प्रतिबंधों से छूट दी थी। लेकिन अमेरिका अब नाराज बताया जाता रहा है। अमेरिका ने उस समय भारत और उसकी कंपनियों पर कई शर्तें लगाई थीं। इसमें चाबहार बंदरगाह का विकास, रखरखाव और अफगानिस्तान के लिए एक रेल लिंक शामिल था। अब ईरानी राजदूत का कहना है कि भारत का महत्व ऐसा है कि कोई भी देश उस पर प्रतिबंध नहीं लगा पाएगा। किसी भी प्रतिबंध से कई देशों के व्यापारिक हितों को नुकसान होगा। हालांकि माना जा रहा है कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के बाद चाबहार का महत्व उसके लिए कम हो गया है।