दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे के बाद अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस में असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी में बने रहना चाहते हैं लेकिन ऐसा माहौल बनाया जा रहा है तो पार्टी में बने रहना मुश्किल है। दरअसल इस्तीफे के बाद बड़ी संख्या में पूर्व विधायक व नेता उनके आवास पर पहुंच रहे हैं, जिससे पार्टी परेशान है। वोटिंग से एक माह पहले लवती के इस्तीफे से पार्टी की मुश्किल बढ़ी है। लवली दिल्ली में आम आदमी पार्टी से हुए गठबंधन से खुद को असहज महसूस कर रहे थे। इसी के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अब उनके पार्टी छोडऩे के कयास हैं। कुछ साल पहले वे 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन बाद में कांग्रेस में लौट आए और पार्टी ने उन्हें दिल्ली की कमान सौंप दी।
संदीप दीक्षित समेत 35 पूर्व विधायक जुटे थे
लवली ने कहा कि उनका इस्तीफा 4 घंटे में ही कांग्रेस हाईकमान ने स्वीकार कर लिया था। इस्तीफे के बाद उनके आवास पर करीब 35 पूर्व विधायक जुटे थे। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। आमतौर पर इस्तीफे के बाद कोई नेता मिलने नहीं आता है, लेकिन लवली से मिलने लगे तांते से पार्टी नेतृत्व हैरत में है। लवली से जब भाजपा में शामिल होने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि मैंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस में मैं बना रहूंगा, बशर्ते वे मुझे वहां रहने दें। लवली की एआईसीसी महासचिव दीपक बाबरिया से भी पटरी नहीं बैठ रही थी। लवली ने बाबरिया पर नियुक्तियों की अनुमति नहीं देने और कुछ कार्यकर्ताओं का निलंबन लगातार जारी रखने का आरोप भी लगाया था।