किसी व्यक्ति के जीवन में उसके पिता ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत होते हैं। पिता से मिली प्रोत्साहन पाकर व्यक्ति हिमालय की चोंटी पर भी आसानी से चढ़ सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उदयपुर की रहने वाली पूर्वी नंदा ने। जहां बहुत से यूपीएससी उम्मीदवार कोचिंग कक्षाओं को चुनते हैं, वहीं पूर्वी ने एक अलग रास्ता चुना। उन्होंने स्वतंत्र अध्ययन की शक्ति में विश्वास किया और प्रतिदिन दस से ग्यारह घंटे तक परीक्षा की तैयारी की और यूपीएससी में सफलता हासिल कर दिखाया।
2020 में मिली सफलता
पूर्वी का जोश और मेहनत का परिणाम उसने 2020 की यूपीएससी परीक्षा में 224वीं रैंक हासिल किया। हालांकि वह अपने लक्ष्य को अधिकतम आईएएस अधिकारी नहीं बना पाई, लेकिन उनकी सफलता फिर भी प्रशंसनीय थी। पूर्वी ने इस समय आईआरएस में शामिल होने का निर्णय किया, लेकिन वह आईएएस अधिकारी नहीं बनने तक तैयारी जारी रखेगी, और उन्हें आयकर विभाग में सहायक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया।
पूर्वी की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो यह मानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा को सफल होने का एकमात्र रास्ता कोचिंग कक्षाओं से होता है। उनकी सफलता साबित करती है कि सही दृष्टिकोण और उपाय के साथ, कोई भी अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है।