इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाने वाले सैम पित्रोदा फिर विवादों में हैं। 2019 में उनके एक बयान ने कांग्रेस की फजीहत करा दी और भाजपा की राह आसान कर दी। उन्होंने पिछले चुनाव में सिख विरोधी दंगों पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हुआ तो हुआ। यानि कि सिख विरोधी दंगे हो गए तो हो गए, अब क्या किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा ने इस बयान को जमकर भुनाया। मोदी ने अपनी स्टाइल में हुआ तो हुआ.. कहा तो कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स लगाने की वकालत की है, जिस पर भाजपा हमलावर है।
डराने का प्रयास कर रही भाजपा
प्रधानमंत्री मोदी समेत भाजपा अब लोगों को आगाह कर रही है कि अगर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो उनकी जो भी संपत्ति होगी, उसका आधे से ज्यादा हिस्सा हड़प लिया जाएगा। ऐसे में उनकी खून-पसीने की कमाई छिन जाएगी। मोदी ने भी कहा कि मृत्यु के बाद आपकी संपत्ति का आधे से ज्यादा हिस्सा कांग्रेस, सपा जैसी पार्टियां छीन लेंगी। भाजपा इसी डर को भुनाने के लिए मंगलसूत्र छीनने और विरासत टैक्स से संपत्ति हड़पने का मुद्दा उठा रही है।
यह बोले थे सैम पित्रोदा
पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत कर लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार ले लेती है। यह कानून कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोडऩी चाहिए। पूरी नहीं तो आधी संपत्ति छोडऩी चाहिए। यह कानून मुझे अच्छा लगा। यह निष्पक्ष है और भारत में ऐसा कानून होना चाहिए। लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि निष्कर्ष क्या होगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि अति-अमीरों के हित में। हालांकि कांग्रेस ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया और इसे उनका व्यक्तिगत विचार बताया।