मप्र के धार जिले में स्थित भोजशाला पर इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ का अहम फैसला आया है। हाईकोर्ट ने इसके एएसआई सर्वे का आदेश दे दिया है। जीपीआर-जीपीएस तकनीक से इसका सर्वे होगा, जिसके बाद पता चलेगा कि यह मंदिर है या मस्जिद। दरअसल हिंदू समाज का मानना है कि भोजशाला वागदेवी यानि कि मां सरस्वती का मंदिर है, जिसे 1034 में राजा भोज ने बनवाया था। यहां संस्कृत पाठशाला भी हुआ करती थी।
विदेशी आक्रांता खिलजी ने किया था नष्ट
1464 में मोहम्मद खिलजी ने आक्रमण कर भोजशाला को नष्ट कर दिया और प्रतिमा को खंडित कर परिसर से बाहर कर दिया। 1875 में खुदाई के दौरान मां वागदेवी की मूर्ति मिली, जिसे 1980 में ब्रिटिश एजेंट मेजर किनकेड लंदन ले गया था, जब से यह मूर्ति संग्रहालय में है। अब यहां बसंत पंचमी पर हिंदू मां सरस्वती का पूजन करते हैं, तो मुस्लिम भी इबादत करते हैं। यहां स्तंभों पर देवी-देवताओं का अंकन है, जिससे कुछ हद तक स्पष्ट है कि यह मंदिर ही रहा होगा। बाकी एएसआई के सर्वे से स्पष्ट हो जाएगा कि असलियत क्या है।
मप्र की भोजशाला : एएसआई के सर्वे से पता चलेगा मंदिर है या मस्जिद..?
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