यूपीएससी के सफर के पीछे कहते हैं हमेशा कोई न कोई वजह जरूर रहती है। ऐसी ही एक कहानी है गरिमा सिंह की जिनसे कभी पुलिस ने रास्ते में रिश्वत की मांग कर ली। इस घटना ने गरिमा की जिंदगी इस कदर बदल कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का मन ही बना लिया और आखिरकार आईपीएस और फिर आईएएस अफसर बनकर ही जवाब दिया।
पुलिस ने मांगी रिश्वत तो बदल गई जिंदगी
ये कहानी है झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी गरिमा सिंह की। एक बार उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि उनसे एक पुलिसकर्मी ने 100 रुपये घूस मांग लिया था. हुआ ये था कि वह सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से ग्रेजुएशन कर रही थीं, एक बार वह देर रात मॉल से अपने हॉस्टल रिक्शे से लौट रही थीं. रास्ते में चेकिंग के लिए एक पुलिसवाले ने उनका रिक्शा रोक लिया, उसने गरिमा सिंह से पूछा कि वह इतनी रात में कहां से आ रही हो और कहां जाना है. इसके बाद 100 रुपये घूस मांग लिया.
वहीँ पुलिस वाले ने पैसे देने से मना करने पर वह परिवार को फोन करके घूमने की शिकायत करने की धमकी देने लगा. थोड़ी सी बहस के बाद उसने बिना पैसे लिए जाने तो दिया लेकिन इस घटना ने गरिमा सिंह का मन ही बदल दिया।
डॉक्टर बनने का था सपना
गरिमा सिंह का जन्म 14 फरवरी 1987 को यूपी के बलिया जिले में हुआ था. उनका परिवार भी दिल्ली में ही रहता है. गरिमा सिंह बचपन में डॉक्टर बनना चाहती थीं. लेकिन उनके पिता ओंकार सिंह चाहते थे कि बेटी सिविल सेवा में जाए. उनके पिता पेशे से इंजीनियर थे.
पहले बनी आईपीएस अफसर
गरिमा सिंह ने इतिहास से बीए और एमए किया था. इसके बाद वह साल 2012 में पहले ही प्रयासमें सिविल सर्विस परीक्षा पास करके आईपीएस बनीं, वह दो साल तक ट्रेनी आईपीएस रहीं. उन्होंने झांसी में एसपी सिटी के पद पर भी काम किया. एसपी पद पर रहते हुए ही साल 2016 में 55वीं रैंक हासिल करके आईएएस बन गई।
फिर बनी आईएएस
गरिमा सिंह ने आईपीएस बनने के दो साल बाद शादी की थी. वहीँ साल 2016 में उन्होंने आईएएस का पद भी हासिल कर लिया। गरिमा की ये कहानी अब लाखो लोगो को प्रेरित भी करती है।