निवेशकों को अक्सर मालामाल करने वाले टाटा के शेयर पर हर किसी की नजर बनी रहती है। पिछले हफ्ते टाटा ग्रुप की कंपनियों के कई कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी। लेकिन यह तेजी अगले हफ्ते धीमी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबकि टाटा संस आईपीओ लाने से बचने की कोशिश कर रहा है। इसका बुरा असर टाटा केमिकल्स पर सबसे अधिक पड़ेगा। बता दें, 4 दिन में टाटा केमिकल्स के शेयरों में 36 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी।
रिजर्व बैंक ने रद्द की याचिका
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के तहत टाटा संस को सितंबर 2025 तक लिस्ट होना होगा। लेकिन टाटा समूह इससे बचने की कोशिश कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास टाटा संस ने याचिका भी दायर की थी। लेकिन लिस्टिंग से बचने वाली इस याचिका को रिजर्व बैंक ने रद्द कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार लिस्टिंग से बचने के लिए टाटा संस अपने बैलेंस शीट का रिस्ट्रक्चर करने के विकल्प तलाश रहा है। यदि कर्ज को चुका कर लोन को रिस्टक्चर करने में टाटा संस सफल रहा और टाटा कैपिटल में अपनी होल्डिंग को किसी अन्य यूनिट में ट्रांसफर करता है तो ऐसी स्थिति में उसे एक इनवेस्टमेंट या अपर लेयर NBFC के तौर पर डिरजिस्टर्ड किया जा सकेगा। इससे समूह लिस्टिंग लाने से बच जाएगा।
शेयर में पड़ रहा ऐसा असर
इस वजह से जिस कंपनी पर सबसे बुरा असर पड़ सकता है वह टाटा केमिकल्स है। मौजूदा समय में टाटा केमिकल्स की कुल हिस्सेदारी टाटा संस में 3 प्रतिशत की है। बता दें, पिछले हफ्ते ऑटोमोबाइल कॉरपोरेश ऑफ गोवा, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, रेत्लीज इंडिया, टाटा पॉवर कंपनी के शेयरों में क्रमशः 33 प्रतिशत, 28 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और टाटा पॉवर के शेयरों में 13 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है।