मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक बेहद विचलित करने वाली खबर सामने आई है। शहर के एमआर-10 इलाके के पास स्थित भगीरथपुरा (वार्ड 15) में दूषित पानी के सेवन से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। सरकार ने सिर्फ 3 की पुष्टि की है। घायलों का इलाज शहर के एमवाई (MY) अस्पताल और पास के निजी क्लीनिकों में चल रहा है। इंदौर नगर निगम ने अपील की है कि यदि किसी भी क्षेत्र में पानी का रंग बदला हुआ या बदबूदार लगे, तो उसे बिना उबाले न पिएं और तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर सूचित करें।
मौत का कारण: ड्रेनेज और पेयजल का मिलन
प्रारंभिक जांच और नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, इस त्रासदी की मुख्य वजह ड्रेनेज लाइन और पेयजल पाइपलाइन का आपस में मिल जाना (Cross-contamination) है।
- अवैध निर्माण: ड्रेनेज लाइन के ठीक ऊपर कुछ लोगों ने टॉयलेट का अवैध निर्माण कर लिया था।
- लीकेज: ड्रेनेज लाइन जाम होने के कारण मल-मूत्र का दबाव बढ़ा और वह पास से गुजर रही पानी की पाइपलाइन में लीक होने लगा।
- जहरीला पानी: पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में नलों से पीला और बदबूदार पानी आ रहा था। इसे पीने के बाद लोगों को उल्टी, दस्त और पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई, जो अंततः जानलेवा साबित हुई।
प्रशासन की कार्रवाई और आक्रोश
घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि उन्होंने कई बार गंदे पानी की शिकायत की थी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
प्रमुख प्रशासनिक कदम:
- अधिकारियों पर गाज: मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम के कुछ इंजीनियरों और संबंधित वार्ड के अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
- टैंकरों से सप्लाई: प्रभावित क्षेत्र में पाइपलाइन की सप्लाई बंद कर दी गई है और अब टैंकरों के माध्यम से पानी भेजा जा रहा है।
- स्वास्थ्य शिविर: भगीरथपुरा में ही एक अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है ताकि शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज मिल सके।
- मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण इतना तीव्र था कि अस्पताल पहुँचने से पहले ही कुछ लोगों के शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
क्या है वर्तमान स्थिति?
वर्तमान में ड्रेनेज और पानी की लाइनों को अलग करने के लिए खुदाई का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


