केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 दिसंबर 2025 को पश्चिम बंगाल के अपने दौरे के दौरान 2026 के विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। कोलकाता में पार्टी की सांगठनिक बैठकों को संबोधित करते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि आगामी चुनाव में ‘घुसपैठ’ सबसे बड़ा और निर्णायक मुद्दा होगा।
शाह ने इस मुद्दे को सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए ममता बनर्जी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उनके संबोधन के मुख्य बिंदु नीचे दिए गए हैं:
1. 2026 चुनाव का मुख्य एजेंडा: घुसपैठ
अमित शाह ने कहा कि 2026 का चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन का चुनाव नहीं है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी (demography) और राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने का चुनाव है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार अपने वोट बैंक के लालच में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है।
2. राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला
गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि घुसपैठ अब केवल एक स्थानीय समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने सवाल उठाया कि:
- घुसपैठियों को इतनी आसानी से राशन कार्ड और आधार कार्ड कैसे मिल रहे हैं?
- सीमा पर फेंसिंग (बाड़ लगाने) के काम में राज्य सरकार सहयोग क्यों नहीं कर रही है?
- क्या घुसपैठिए तय करेंगे कि बंगाल का मुख्यमंत्री कौन होगा?
3. ‘डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट’ की रणनीति
संसद में दिए अपने हालिया बयानों को दोहराते हुए शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ‘डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट’ (पहचानना, नाम हटाना और निर्वासित करना) की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे एक ऐसी सरकार चुनें जो घुसपैठ को जड़ से खत्म कर सके।
4. मतदाता सूची का शुद्धिकरण
वर्तमान में चल रहे SIR का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि मतदाता सूची से फर्जी नामों और घुसपैठियों के नाम हटाना निष्पक्ष चुनाव के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया।
अमित शाह का यह दौरा संकेत देता है कि बीजेपी 2026 में हिंदुत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को केंद्र में रखकर ममता बनर्जी के ‘मां माटी मानुष’ के नारे को चुनौती देगी।


