कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) को खत्म कर उसके स्थान पर नया कानून लाने के विरोध में ‘मनरेगा बचाओ अभियान’ शुरू करने का बड़ा एलान किया है। शनिवार, 27 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने इस देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा साझा की।
आंदोलन की मुख्य बातें
- शुरुआत: कांग्रेस 5 जनवरी 2026 से इस अभियान को पूरे देश में शुरू करेगी।
- उद्देश्य: संसद द्वारा हाल ही में पारित ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ (VB-G RAM G Act) को वापस लेने और मनरेगा की बहाली की मांग करना।
- रणनीति: मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जैसे किसानों ने एकजुट होकर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर सरकार को मजबूर किया था, वैसे ही कांग्रेस इस “गरीब विरोधी” कानून के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस के आरोप
पार्टी ने नए कानून को लेकर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं:
- गांधी जी का अपमान: कांग्रेस का कहना है कि योजना से ‘महात्मा गांधी’ का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान और आरएसएस की सोची-समझी साजिश है।
- अधिकारों का हनन: राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मनरेगा एक “काम की कानूनी गारंटी” थी, जिसे अब एक केंद्रीय नियंत्रित राशन योजना में बदल दिया गया है।
- राज्यों पर बोझ: नए कानून के तहत फंडिंग का बड़ा बोझ (60:40 का अनुपात) राज्यों पर डाला गया है, जिससे गरीब राज्यों के लिए इसे लागू करना मुश्किल होगा।
- एकतरफा फैसला: खरगे ने दावा किया कि सरकार ने बिना किसी अध्ययन, मूल्यांकन या राज्यों से चर्चा किए मनरेगा की “योजनाबद्ध हत्या” कर दी है।
CWC बैठक का महत्व
यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुई। मनरेगा को डॉ. सिंह की सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है। कांग्रेस अब इसे एक भावनात्मक और चुनावी मुद्दा बनाकर 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले जनता के बीच जाने की तैयारी में है।


