बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के बीच एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव और राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के विशेष सहायक खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, 17 साल के निर्वासन के बाद लौटे तारिक रहमान आज बांग्लादेश में मतदाता के रूप में पंजीकृत होंगे।
खुदा बख्श चौधरी का इस्तीफा
- कारण: बांग्लादेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (IGP) खुदा बख्श चौधरी ने देश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद उपजे विरोध के कारण इस्तीफा दिया है।
- दबाव: ‘इंकलाब मंच’ नामक संगठन ने हादी की हत्या के बाद गृह मंत्रालय के अधिकारियों के इस्तीफे की मांग करते हुए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।
- मंजूरी: राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। खुदा बख्श को नवंबर 2024 में यूनुस का विशेष सहायक नियुक्त किया गया था।
तारिक रहमान की वापसी और मतदान अधिकार
- स्वदेश वापसी: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 25 दिसंबर 2025 को लंदन से 17 साल बाद ढाका लौटे।
- मतदाता पंजीकरण: 26 दिसंबर को तारिक रहमान आधिकारिक तौर पर बांग्लादेश की मतदाता सूची में शामिल होंगे। यह उनके आगामी आम चुनाव लड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
- राजनीतिक महत्व: उनके लौटने से BNP कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। अदालतों द्वारा उन्हें पुराने मामलों में बरी किए जाने के बाद उनकी वापसी का रास्ता साफ हुआ है।
बांग्लादेश में हिंसा का दौर थमा नहीं है। हाल ही में ढाका में एक चर्च के पास बम धमाका हुआ और हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें भी सामने आ रही हैं। फरवरी 2026 में प्रस्तावित आम चुनाव से पहले देश में सत्ता संघर्ष और सुरक्षा संबंधी चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।


