इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की विदेश यात्राओं को लेकर केंद्र सरकार पर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। पित्रोदा ने दावा किया कि राहुल गांधी जब भी विदेश दौरों पर होते हैं, भारतीय दूतावास के अधिकारी उन पर कड़ी नजर रखते हैं और उनकी गतिविधियों की निगरानी करते हैं।
सैम पित्रोदा के बड़े दावे
- निगरानी का आरोप: पित्रोदा ने आरोप लगाया कि विदेशों में भारतीय दूतावास (Embassy) के लोग न केवल राहुल गांधी की जासूसी करते हैं, बल्कि उनकी बैठकों और मुलाकातों पर भी नजर रखते हैं।
- मुलाकातों में बाधा: उन्होंने यह भी दावा किया कि कई बार दूतावास के अधिकारी विदेशी नेताओं और महत्वपूर्ण संस्थानों को राहुल गांधी से न मिलने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। पित्रोदा के अनुसार, “सरकार उस देश को संदेश भेजती है कि वे नहीं चाहते कि राहुल गांधी वहां के महत्वपूर्ण लोगों से मिलें।”
- जर्मनी दौरे का बचाव: राहुल गांधी के वर्तमान जर्मनी दौरे की टाइमिंग (संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान) पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए पित्रोदा ने कहा कि ये यात्राएं अचानक नहीं होतीं, बल्कि महीनों पहले तय की जाती हैं। उन्होंने बताया कि राहुल ‘प्रोग्रेसिव अलायंस’ की बैठक में शामिल होने गए हैं, जिसमें 110 देशों की पार्टियां हिस्सा लेती हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि
- बीजेपी का रुख: भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार राहुल गांधी पर विदेश जाकर भारत की छवि खराब करने और ‘भारत विरोधी’ एजेंडा चलाने का आरोप लगाती रही है। बीजेपी ने संसद सत्र छोड़कर विदेश जाने पर भी उनकी आलोचना की है।
- सच्चाई पर तर्क: पित्रोदा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “सच तो सच होता है, चाहे वह देश में बोला जाए या विदेश में।” उनका तर्क है कि अगर देश के संस्थानों या लोकतंत्र पर कोई खतरा है, तो उस पर बात करना भारत विरोधी होना नहीं है।


