पाकिस्तान की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने मुल्क की विदेश और रक्षा नीति पर तीखे सवाल उठाए। कराची के ल्यारी में एक रैली के दौरान मौलाना ने भारत द्वारा पाकिस्तान के अंदर की गई सैन्य कार्रवाई (मई 2025 की स्ट्राइक) की तुलना पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में किए जा रहे हमलों से कर दी।
मौलाना फजलुर रहमान का बयान
मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तानी सेना और सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि पाकिस्तान की दोहरी नीति अब काम नहीं आएगी। उनके बयान के मुख्य बिंदु थे:
- तुलना का सवाल: मौलाना ने पूछा, “अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान में घुसकर हमला करने को अपनी सुरक्षा के लिए सही ठहराता है, तो फिर भारत ने मुरीदके और बहावलपुर में जो स्ट्राइक की, उसे गलत कैसे कहा जा सकता है?”
- अफगान नीति की विफलता: उन्होंने दावा किया कि पिछले 78 वर्षों में पाकिस्तान की अफगानिस्तान नीति पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि जाहिर शाह से लेकर अशरफ गनी तक, अफगानिस्तान की सरकारें हमेशा ‘प्रो-इंडिया’ रही हैं, जिसका कारण पाकिस्तान का अपना रवैया है।
- सेना पर निशाना: मौलाना ने स्पष्ट रूप से कहा कि राजनीतिक शक्ति जनता और राजनेताओं की होनी चाहिए, न कि रक्षा संस्थानों की।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की सफाई
मौलाना के इस बयान से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी होने लगी, जिसके बाद रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को बचाव में उतरना पड़ा। उन्होंने मौलाना के दावों को सिरे से खारिज करते हुए निम्नलिखित तर्क दिए:
- तुलना को बताया गलत: ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान की अफगानिस्तान में कार्रवाई टीटीपी (TTP) जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ है, जबकि भारत ने बिना किसी ठोस सबूत के पाकिस्तान पर हमला किया है।
- पहलगाम हमले का जिक्र: उन्होंने आरोप लगाया कि भारत मई 2025 में हुए पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का कोई सबूत नहीं दे पाया है।
- सुरक्षा का अधिकार: आसिफ ने दोहराया कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का पूरा हक है और वह बाहरी खतरों का जवाब देने में सक्षम है।
घटनाक्रम का महत्व
यह पहली बार है जब पाकिस्तान के किसी इतने बड़े कद के नेता ने सार्वजनिक मंच से भारत की स्ट्राइक को पाकिस्तान की अपनी हरकतों का “आईना” बताया है। इस बयान ने न केवल शहबाज शरीफ सरकार बल्कि आर्मी चीफ आसिम मुनीर को भी असहज स्थिति में डाल दिया है।


