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    पीएम मोदी का संदेश-संकट में साथ है भारत, ‘डिटवाह’ से तबाह श्रीलंका को पत्र लिखकर दिया आश्वासन

    चक्रवाती तूफान ‘डिटवाह’ (Ditwah) द्वारा श्रीलंका में मचाई गई तबाही के बीच, भारत ने एक बार फिर अपने ‘पड़ोस प्रथम’ (Neighborhood First) की नीति को दोहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को एक विशेष पत्र लिखकर इस प्राकृतिक आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

    पीएम मोदी का संदेश: “संकट में साथ है भारत”

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत, श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है। पत्र के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

    • सहानुभूति और एकजुटता: पीएम मोदी ने तूफान में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
    • मदद का आश्वासन: प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा मिलेगा।” उन्होंने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए भारत की ओर से पूर्ण समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई।
    • मजबूत साझेदारी: पीएम ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध संकट के समय में और भी गहरे हो जाते हैं।

    ‘डिटवाह’ तूफान का श्रीलंका पर असर

    चक्रवाती तूफान डिटवाह ने हाल के दिनों में श्रीलंका के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है:

    • भारी क्षति: भीषण बारिश और तेज हवाओं के कारण बुनियादी ढांचे, बिजली आपूर्ति और संचार सेवाओं को व्यापक नुकसान पहुँचा है।
    • विस्थापन: हजारों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें सुरक्षित शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
    • राहत कार्य: श्रीलंका सरकार बड़े पैमाने पर राहत अभियान चला रही है, जिसमें अब भारतीय सहायता भी शामिल होने की संभावना है।

    ‘सागर’ (SAGAR) विजन और भारत की भूमिका

    भारत क्षेत्र में ‘नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर’ और ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ (सबसे पहले मदद पहुँचाने वाला) के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।

    • मानवीय सहायता (HADR): भारत आपदा राहत सामग्री, दवाएं और तकनीकी सहायता भेजने की तैयारी कर रहा है।
    • पुरानी परंपरा: 2022 के आर्थिक संकट के दौरान भी भारत ने श्रीलंका को 4 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की थी, और अब प्राकृतिक आपदा के समय भी वह सबसे आगे है।

    राष्ट्रपति दिसानायके का रुख: श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने भारत की इस त्वरित प्रतिक्रिया और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है, जो दोनों देशों के बीच बेहतर होते कूटनीतिक संबंधों का संकेत है।

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