महाराष्ट्र में हुए नगर निकाय (नगर परिषद और नगर पंचायत) चुनावों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक और ‘बंपर’ जीत दर्ज की है। 21 दिसंबर 2025 को हुई मतगणना के रुझानों और परिणामों ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की जनता ने एक बार फिर सत्ताधारी गठबंधन पर भरोसा जताया है।
चुनावी नतीजों का सारांश
राज्य की 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में हुए चुनावों में महायुति ने विपक्ष (महा विकास अघाड़ी) का लगभग सफाया कर दिया है।
- महायुति का दबदबा: गठबंधन ने 288 में से में से 250 से अधिक निकायों में जीत हासिल की है।
- भाजपा की बड़ी बढ़त: भारतीय जनता पार्टी अकेले 122 से 134 निकायों में जीत की ओर है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के अनुसार, पार्टी के लगभग 3,000 सदस्य चुनकर आए हैं।
- विपक्ष की स्थिति: महा विकास अघाड़ी (MVA) को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। जनता ने उनके ‘नैरेटिव’ को नकारते हुए विकास के एजेंडे को चुना।
- शिवसेना 41 पदों पर बढ़त बनाए हुए है और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 32 अध्यक्ष पदों में आगे।
- शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार 10 अध्यक्ष पदों पर आगे हैं, जबकि शरद पवार गुट की एनसीपी 12 में बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस के उम्मीदवार 16 पदों पर आगे हैं।
देवेंद्र फडणवीस का बयान: “यह टीम BJP की जीत है”
जीत के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इसे ‘टीम वर्क’ का परिणाम बताया। उनके संबोधन के मुख्य बिंदु रहे:
- फडणवीस ने कहा कि लोगों ने नकारात्मक राजनीति के बजाय विकास की राजनीति को वोट दिया है।
- उन्होंने इस जीत का श्रेय भाजपा के 1.6 लाख बूथ कार्यकर्ताओं और गठबंधन के साथियों की कड़ी मेहनत को दिया।
- उन्होंने इसे आगामी मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों (जो 15 जनवरी 2026 को होने वाले हैं) के लिए एक सकारात्मक संकेत बताया।
महत्वपूर्ण आंकड़े
| विवरण | आंकड़े / स्थिति |
| कुल नगर निकाय | 288 |
| महायुति की जीत | 236+ |
| भाजपा की संभावित सीटें | 3,000 (लगभग) |
| मुख्य प्रतिद्वंद्वी | महा विकास अघाड़ी (MVA) |
जीत के मायने
यह चुनाव परिणाम महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति, विशेषकर भाजपा के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। विधानसभा चुनाव के बाद यह दूसरी बड़ी परीक्षा थी, जिसमें गठबंधन ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अपनी पैठ मजबूत की है। विदर्भ, जो फडणवीस का गढ़ माना जाता है, वहां भी भाजपा ने कांग्रेस को कड़ी शिकस्त दी है।


