अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) द्वारा जेफरी एपस्टीन मामले से जुड़े हजारों दस्तावेजों को सार्वजनिक किए जाने के महज 24 घंटे के भीतर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। रिपोर्टों के अनुसार, विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से कम से कम 16 महत्वपूर्ण फाइलें रहस्यमय तरीके से गायब हो गई हैं। इन फाइलों में न केवल संवेदनशील तस्वीरें थीं, बल्कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े दस्तावेज भी शामिल थे। यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि एपस्टीन के साथ ट्रंप और बिल क्लिंटन जैसे कई बड़े नामों के संबंध रहे हैं। हालांकि, ट्रंप ने हमेशा किसी भी गलत काम में शामिल होने से इनकार किया है और एपस्टीन के साथ अपने संबंधों को केवल “सामाजिक पहचान” तक सीमित बताया है।
क्या था उन गायब फाइलों में?
शुक्रवार (19 दिसंबर 2025) को अपलोड की गई इन फाइलों को शनिवार सुबह तक हटा लिया गया। गायब हुए दस्तावेजों में सबसे चर्चा का विषय ‘फाइल नंबर 468’ है।
- ट्रंप की तस्वीरें: इस फाइल में एक डेस्क के दराज की तस्वीर थी, जिसमें कई फोटो रखी हुई थीं। इनमें एक तस्वीर में ट्रंप कुछ युवतियों के साथ नजर आ रहे थे, जबकि दूसरी फोटो में वे अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप, जेफरी एपस्टीन और उसकी सहयोगी घिस्लेन मैक्सवेल के साथ थे।
- विवादास्पद सामग्री: हटाए गए दस्तावेजों में एपस्टीन के ठिकानों से मिलीं ऐसी पेंटिंग्स की तस्वीरें भी शामिल थीं, जिनमें निर्वस्त्र महिलाओं को दिखाया गया था।
विपक्ष का हमला: ‘क्या छिपाया जा रहा है?’
इस घटना के बाद अमेरिका में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, “यह तस्वीर (फाइल 468), जिसमें डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं, उसे अब DOJ की रिलीज से हटा दिया गया है। अटॉर्नी जनरल पॉम बॉन्डी, क्या यह सच है? और क्या छिपाया जा रहा है? हमें अमेरिकी जनता के लिए पारदर्शिता चाहिए।”
विपक्षी नेताओं का आरोप है कि न्याय विभाग जानबूझकर ट्रंप और अन्य शक्तिशाली लोगों के हितों की रक्षा के लिए फाइलों को सेंसर कर रहा है।
न्याय विभाग की सफाई और पारदर्शिता पर सवाल
न्याय विभाग ने फाइलों के अचानक गायब होने पर कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन एक बयान में कहा कि “कानून के अनुसार पीड़ितों की गोपनीयता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सामग्री की समीक्षा और संपादन (redaction) जारी रहेगा।”
अधूरा खुलासा: जारी किए गए हजारों पन्नों में से अधिकांश ‘ब्लैक्ड आउट’ (पूरी तरह काले) हैं, जिससे अहम जानकारियां छिपी हुई हैं।
- दबाव का आरोप: सांसदों का कहना है कि विभाग को सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था, फिर भी कई महत्वपूर्ण एफबीआई इंटरव्यू और आंतरिक मेमो साझा नहीं किए गए।


