बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता एक बार फिर चरम पर पहुंच गई है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुखर विरोधी और प्रमुख विपक्षी नेता उस्मान हादी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे देश में आग लगा दी है। इस घटना के बाद राजधानी ढाका सहित देश के कई हिस्सों में उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जिसे देखते हुए सरकार ने शहर में सेना तैनात कर दी है।
घटना का मुख्य घटनाक्रम
उस्मान हादी की मौत की खबर फैलते ही उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हादी की मौत के पीछे राजनीतिक साजिश है।
- उग्र प्रदर्शन और आगजनी: ढाका के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। गुस्साए लोगों ने सरकारी वाहनों और इमारतों में आग लगा दी।
- सेना की तैनाती: स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अंतरिम सरकार ने ढाका के संवेदनशील इलाकों में सेना की टुकड़ियों को तैनात किया है। कई क्षेत्रों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं।
- डॉ. यूनुस का आश्वासन: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, मोहम्मद यूनुस ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच का वादा किया है ताकि हादी की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
राजनीतिक तनाव और पृष्ठभूमि
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही बांग्लादेश एक नाजुक दौर से गुजर रहा है। उस्मान हादी, जो हसीना सरकार के कड़े आलोचक थे, विपक्षी खेमे के एक प्रभावशाली चेहरे के रूप में उभरे थे। उनकी मौत ने उन समर्थकों को आक्रोशित कर दिया है जो देश में पूर्ण लोकतांत्रिक बहाली की मांग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्थिति जल्द ही शांत नहीं हुई, तो यह हिंसा अंतरिम सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी बांग्लादेश की इस बदलती स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।


