रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर भारत के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त किया है। उन्होंने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान भारत की संस्कृति, विविधता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के दृष्टिकोण की जमकर प्रशंसा की। पुतिन ने कहा कि दुनिया को भारत से बहुत कुछ सीखना चाहिए।
पुतिन को पसंद आई भारत की ये खास बात
पुतिन ने भारत की जिस बात को सबसे ज्यादा पसंद किया, वह है भारतीय संस्कृति में निहित सहयोग और सहिष्णुता की भावना। उन्होंने याद किया कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भारत की विविध संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिला। पुतिन ने कहा कि भारत कई धर्मों, भाषाओं और जातियों का घर होने के बावजूद सामंजस्य (Harmony) के साथ रहता है। उन्होंने कहा, “दुनिया को भारत से सीखना चाहिए कि इतने बड़े पैमाने पर विविधता के बावजूद स्थिरता और सहयोग कैसे बनाए रखा जाता है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे बाकी दुनिया अपना सकती है।”
हिंदी भाषा पर पुतिन की बड़ी बात
व्लादिमीर पुतिन ने इस दौरान हिंदी भाषा के महत्व पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि रूस और भारत के बीच बढ़ते सहयोग के कारण रूस में हिंदी बोलने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पुतिन ने हिंदी को दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और भावनात्मक पुल बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस सरकार दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के लिए हिंदी भाषा के अध्ययन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना जारी रखेगी।
भारत-रूस सहयोग का महत्व
पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं।
- रणनीतिक साझेदारी: उन्होंने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्थिरता और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
- मोदी की सराहना: उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंध दोनों देशों के बीच सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक साबित हुए हैं।


