दक्षिण पूर्व एशियाई देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी तनाव मंगलवार को दूसरे दिन भी भड़क गया। सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलाबारी (Shelling) की खबरें हैं, जिससे सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई है और हजारों नागरिक अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हैं।
कंबोडिया ने दी ‘कड़े संघर्ष’ की चेतावनी
कंबोडिया के प्रभावशाली नेता और सीनेट अध्यक्ष हुन सेन ने थाईलैंड के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने मंगलवार को वादा किया कि उनका देश थाईलैंड के खिलाफ कड़ा संघर्ष करेगा और अपनी जमीन की हर कीमत पर रक्षा करेगा। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने भी दावा किया कि उनके सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा, हालांकि दोनों देश पहले हमला करने के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं।
ताजा संघर्ष ने एक बार फिर सीमावर्ती समुदायों को प्रभावित किया है। कंबोडियाई सेना के अनुसार, मंगलवार तक के संघर्ष में सात नागरिकों की मौत और 20 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। वहीं, थाई सेना ने एक सैनिक की मौत और 29 सैनिकों के घायल होने की जानकारी दी है। सीमा के दोनों ओर से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। थाईलैंड ने सीमावर्ती चार प्रांतों में 1.25 लाख से ज्यादा लोगों को अस्थायी शिविरों में पहुंचाया है।
थाईलैंड के हवाई हमले और बातचीत से इनकार
थाईलैंड ने इस संघर्ष के लिए कंबोडिया को जिम्मेदार ठहराया है।
- थाईलैंड ने सोमवार को कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर F-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए, जिसे रक्षात्मक कार्रवाई बताया। थाईलैंड का कहना है कि ये हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक सीमा पर से गोलाबारी बंद नहीं हो जाती।
- थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने कंबोडिया से बातचीत की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि सेना अपनी पहले से तय योजना को पूरी तरह लागू करेगी ताकि देश की संप्रभुता सुरक्षित रहे। दोनों देशों के बीच यह तनाव जुलाई में हुए पिछले बड़े संघर्ष को रोकने के लिए हुए युद्धविराम समझौते के टूटने के बाद पैदा हुआ है।


