देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में लगातार हो रही उड़ानों की गड़बड़ी और रद्दीकरण (cancellation) को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एयरलाइन के क्रू कुप्रबंधन (Crew Mismanagement) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अव्यवस्था के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे इसकी “कीमत चुकानी होगी।”
कुप्रबंधन ही असली वजह
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि यह संकट इंडिगो की ओर से अपने क्रू रोस्टरिंग (Crew Rostering) में हुई गलत प्लानिंग का नतीजा है, खासकर डीजीसीए (DGCA) के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के संदर्भ में।
उन्होंने बताया कि DGCA के नए FDTL नियम 1 नवंबर से लागू हुए थे, और अन्य एयरलाइनों जैसे एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने इन नियमों के अनुसार खुद को एडजस्ट कर लिया था। मंत्री ने जोर देकर कहा कि इंडिगो के साथ जो स्थिति बनी है, वह उसके क्रू के कुप्रबंधन के कारण है।
जांच के आदेश और जवाबदेही
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए, मंत्री ने तत्काल बड़े कदम उठाए हैं: उन्होंने इंडिगो की सेवा में हुए इस बड़े व्यवधान की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि जांच यह पता लगाएगी कि “कहाँ और किसके साथ गलती हुई,” और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार की तत्काल प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
अस्थायी राहत और सामान्य होने की उम्मीद
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने परिचालन को सामान्य करने के लिए अस्थायी कदम उठाए हैं, जिसमें FDTL मानदंडों में कुछ छूट देना शामिल है। मंत्री ने उम्मीद जताई है कि इन परिचालन कदमों को तुरंत लागू करने से अगले तीन दिनों के भीतर इंडिगो की उड़ानें पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगी।


