देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) इस समय गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है, जिसका सीधा असर देश भर के हवाई यात्रियों पर पड़ रहा है। पिछले पाँच दिनों में एयरलाइन की 2000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जबकि कई उड़ानें घंटों देरी से चल रही हैं। इस अभूतपूर्व संकट से हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएँ बर्बाद हो गई हैं और हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल है।
प्रमुख समस्याएँ और कारण
यात्रियों की परेशानी की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:
- भारी संख्या में उड़ानें रद्द और विलंबित: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर इंडिगो की उड़ानें व्यापक रूप से रद्द हुई हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। अकेले अहमदाबाद एयरपोर्ट पर शनिवार सुबह तक 19 उड़ानें रद्द हुईं।
- क्रू की कमी: इंडिगो के पास 434 विमान, 5456 पायलट और 10,212 केबिन क्रू होने के बावजूद, वह चालक दल की भारी कमी से जूझ रही है।
- नए नियम और परिचालन दबाव: विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) द्वारा लागू किए गए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों को क्रू रोस्टरिंग में लागू करने के कारण एयरलाइन के सिस्टम पर भारी दबाव पड़ा है।
- तकनीकी खामियाँ: क्रू की कमी के अलावा, कुछ तकनीकी खराबी और सर्दियों के मौसम के कारण शेड्यूल में बदलाव भी परिचालन संकट को बढ़ा रहे हैं।
यात्रियों का आक्रोश
लगातार हो रही देरी और अंतिम समय में उड़ानें रद्द होने से यात्री हताश और गुस्से में हैं। कई यात्रियों ने अपनी व्यापारिक मीटिंग्स, पारिवारिक कार्यक्रम और शादियाँ छूटने की शिकायत की है। सोशल मीडिया पर एयरलाइन के कुप्रबंधन को लेकर यात्रियों का गुस्सा साफ झलक रहा है।
आगे की राह
इंडिगो ने डीजीसीए को सूचित किया है कि वह 8 दिसंबर से उड़ानों की संख्या कम करेगी और 10 फरवरी, 2026 तक अपने संचालन को पूरी तरह से स्थिर करने की उम्मीद कर रही है। एयरलाइन ने यात्रियों से असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और रद्द उड़ानों के लिए पूरा रिफंड और फ्री री-शेड्यूलिंग की सुविधा देने का दावा किया है। डीजीसीए ने इस स्थिति की समीक्षा के लिए एयरलाइन के साथ बैठक भी की है।


