पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक नई मस्जिद बनाने के विवाद पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मुर्शिदाबाद में “बाबरी जैसी मस्जिद की इजाजत नहीं दी जाएगी।” इस विवाद के केंद्र में रहे बंगाली विधायक हुमायूं कबीर को उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने गुरुवार को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
- टीएमसी के मंत्री फ़िरहाद हकीम ने निलंबन की घोषणा करते हुए कहा कि हुमायूं बाबरी मस्जिद क्यों बनाएंगे? अगर उनके पास अधिक पैसा था तो दूसरा कुछ क्यों नहीं बनाने की बात कही।
- टीएमसी ने इस पूरे “बाबरी मस्जिद प्रोपेगेंडा” के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि यह दंगा कराने की साजिश है और इसका उद्देश्य मुर्शिदाबाद में भाजपा को मदद करना है।
हुमायूं कबीर का जवाब और इस्तीफा
पार्टी के निलंबन के बाद हुमायूं कबीर ने भी पलटवार किया है। कबीर ने कहा है कि वह मस्जिद बनाकर रहेंगे। उन्होंने घोषणा की है कि वह कल (शुक्रवार को) टीएमसी से इस्तीफा देंगे और 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे।
राज्यपाल बोस ने अपनी चेतावनी में कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी तरह की भड़काऊ कार्रवाई या सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका यह बयान स्पष्ट करता है कि राज्य प्रशासन इस विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगा। यह घटनाक्रम दिखाता है कि बंगाल में धार्मिक भावनाओं से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक खींचतान चरम पर है, जहां टीएमसी और भाजपा दोनों एक-दूसरे पर साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं।


