रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर भारत दौरे पर आने वाले हैं। उनके इस महत्वपूर्ण दौरे से पहले, उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में लोगों ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया। वाराणसी में लोगों ने गंगा नदी के किनारे आरती की और रूसी राष्ट्रपति के सम्मान में एक स्वागत मार्च निकाला। यह कदम भारत और रूस के बीच गहरे सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को दर्शाता है। यह स्वागत पुतिन के आगामी भारत दौरे के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाता है।
पुतिन के भारत दौरे का कार्यक्रम:
व्लादिमीर पुतिन के इस दौरे में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम और बैठकें शामिल हैं, जिन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं:
1. प्रधानमंत्री मोदी के साथ रात्रिभोज और शिखर सम्मेलन
- पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक निजी रात्रिभोज में हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर अनौपचारिक रूप से चर्चा करेंगे।
- यह इस दौरे का सबसे अहम हिस्सा होगा, जहां दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और कनेक्टिविटी सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
2. महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर
- शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों देशों के बीच कई बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। ये समझौते दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाएंगे।
3. राजघाट का दौरा
- रूसी राष्ट्रपति राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे, जो भारत के राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक प्रतीक है।
इस दौरे को भारत-रूस संबंधों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रूस भारत का एक लंबे समय से विश्वसनीय और रणनीतिक सहयोगी रहा है, खासकर रक्षा और सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब वैश्विक भू-राजनीति में बड़े बदलाव आ रहे हैं।
यह शिखर सम्मेलन दोनों देशों को अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने और भविष्य के सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार करने का मौका देगा।


