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    भारी बारिश, आंधी-तूफान और गरज-चमक.. चक्रवात ‘सेंयार’ से इन राज्यों में अलर्ट

    बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव क्षेत्र एक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘सेंयार’ का रूप ले सकता है, जिससे दक्षिण भारत के कई राज्यों में गंभीर संकट पैदा हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के लिए भारी बारिश, आंधी-तूफान और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है।

    वर्तमान स्थिति और चेतावनी

    • चक्रवात ‘सेंयार’ वर्तमान में, यह सिस्टम मलक्का जलडमरूमध्य (Malacca Strait), मध्य और दक्षिण अंडमान सागर के आसपास सक्रिय है और धीरे-धीरे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। मौसम मॉडल संकेत दे रहे हैं कि यह अगले 48 घंटों में एक पूर्ण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
    • 27 नवंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में हवा की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जिससे समुद्र बहुत उग्र रहने की आशंका है।
    • मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश (तटीय इलाके), और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह अत्यधिक प्रभावित होने की संभावना है। ओडिशा के तटीय इलाकों में भी 25 से 27 नवंबर के बीच बारिश हो सकती है।
    • IMD ने इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में स्थानीय प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल और कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

    मछुआरों के लिए चेतावनी

    मौसम विभाग ने मछुआरों को 29 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी के आस-पास के इलाकों, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और ओडिशा के तटों पर न जाने की सख्त हिदायत दी है। समुद्र में गए मछुआरों को तुरंत तट पर लौटने के लिए कहा गया है।

    चक्रवात का संभावित मार्ग

    चक्रवात ‘सेंयार’ के मार्ग को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन मौसम मॉडल दो संभावित रास्ते सुझा रहे हैं:

    1. यह 29 से 30 नवंबर के आसपास तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश के तट से होकर गुजर सकता है।
    2. यह उत्तर की ओर मुड़कर समुद्र में ही बना रह सकता है और धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकता है।

    उत्तर भारत पर असर

    एक ओर जहां दक्षिण में तूफान का खतरा है, वहीं दूसरी ओर चक्रवात ‘सेंयार’ के कारण उत्तर भारत का मौसम भी प्रभावित हो रहा है। चक्रवात की वजह से उत्तर भारत में पाला (फ्रॉस्ट), शुष्क ठंड और कई जगहों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री नीचे दर्ज किया जा रहा है।

    प्रशासन ने तटीय इलाकों और निचले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। अगले 48 घंटों में चक्रवात के मार्ग और लैंडफॉल को लेकर स्थिति और स्पष्ट होने की उम्मीद है। लोगों से आधिकारिक अलर्ट को ही फॉलो करने और अफवाहों से बचने की अपील की गई है।

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