भारतीय फैशन उद्योग के दिग्गज डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी की सफलता की कहानी संघर्ष, दृढ़ संकल्प और रचनात्मकता का एक प्रेरणादायक मिश्रण है। कम उम्र में घर छोड़ने से लेकर एक वैश्विक स्तर पर पहचाने जाने वाला करोड़ों का ब्रांड स्थापित करने तक, उनका सफर दिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों से कैसे लड़ा जा सकता है।
शुरुआती संघर्ष और घर छोड़ना
सब्यसाची का जन्म 1974 में कोलकाता के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके परिवार का फैशन या कला से कोई सीधा संबंध नहीं था; उनके माता-पिता चाहते थे कि वह इंजीनियरिंग या डॉक्टरी की पढ़ाई करें। हालांकि, सब्यसाची का मन हमेशा से ही रचनात्मकता और डिज़ाइनिंग में था। जब उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) में प्रवेश लेने की इच्छा जताई, तो उन्हें कड़ा विरोध झेलना पड़ा। 15,000 रुपये की फीस भरने के लिए पैसे न होने और परिवार के समर्थन के बिना, सब्यसाची ने घर छोड़ने का कठिन फैसला लिया। इस दौरान उन्हें अपनी पढ़ाई और जरूरतों को पूरा करने के लिए वेटर तक का काम करना पड़ा।
NIFT की सफलता और ब्रांड का उदय
कठिन संघर्ष के बाद, उन्होंने NIFT कोलकाता में प्रवेश लिया और अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने 1999 में NIFT से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपनी कक्षा में टॉप किया। NIFT से निकलने के तुरंत बाद, उन्होंने सिर्फ 3 कपड़ों के साथ अपना खुद का लेबल लॉन्च किया, जिसे उन्होंने अपनी माँ के नाम पर ‘सबा’ नाम दिया। 2002 में, उन्होंने सिंगापुर के ‘मर्सीडीज़ बेंज फैशन वीक’ में हिस्सा लिया, जहाँ उन्हें ‘शानदार युवा डिज़ाइनर’ का पुरस्कार मिला। इस सफलता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
अवसाद से जूझना और वापसी
सफलता के शुरुआती चरण में भी सब्यसाची को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। करियर के उतार-चढ़ाव और व्यक्तिगत दबाव के कारण वह गंभीर अवसाद से पीड़ित थे। उन्होंने खुद को एक कमरे तक सीमित कर लिया था और उनकी मानसिक स्थिति बेहद नाजिल थी। उन्होंने इस दौर से निकलने के लिए पेशेवर मदद ली और कला, योग तथा आत्म-जागरूकता पर ध्यान केंद्रित किया। इस संघर्ष ने उन्हें और मजबूत बनाया और उन्हें अपने काम के प्रति एक नई दृष्टि दी।
‘सब्यसाची’ – एक वैश्विक ब्रांड
आज, सब्यसाची नाम केवल एक लेबल नहीं, बल्कि भारतीय लक्जरी फैशन का एक पर्याय बन चुका है। उनका डिज़ाइन दर्शन भारतीय शिल्प कौशल, पारंपरिक वस्त्रों और आधुनिक silhouettes का एक सुंदर मिश्रण है। उनके कपड़ों में कोलकाता की जड़ों की झलक साफ दिखती है। देश-विदेश के कई बड़े सेलेब्रिटीज, जिनमें दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा और कटरीना कैफ शामिल हैं, ने अपनी शादियों के लिए उनके डिज़ाइन किए हुए कपड़े पहने हैं। उनके ब्रांड का वार्षिक टर्नओवर करोड़ों में है, जो उन्हें भारत के सबसे सफल और प्रभावशाली डिज़ाइनरों में से एक बनाता है।
सब्यसाची मुखर्जी की कहानी यह साबित करती है कि आपकी पृष्ठभूमि या शुरुआती मुश्किलें मायने नहीं रखतीं; अगर आपमें जुनून और दृढ़ता है, तो आप दुनिया के सबसे बड़े ब्रांडों में से एक बना सकते हैं।


