अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में स्थित व्हाइट हाउस के पास बुधवार (26 नवंबर 2025) को एक चौंकाने वाली गोलीबारी की घटना सामने आई है। इस हमले में वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस संवेदनशील घटना ने वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। गोलीबारी व्हाइट हाउस से लगभग दो ब्लॉक दूर, 17वीं स्ट्रीट और एच स्ट्रीट के पास हुई।
वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्यों को निशाना बनाया गया, जो उस समय हाई-विजिबिलिटी पेट्रोल पर थे। उन्हें गोली लगने के बाद तुरंत अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मॉरिसी ने शुरुआती पोस्ट में उनकी मृत्यु की बात कही थी, जिसे बाद में हटा लिया गया, यानी दोनों जवान घायल हैं और उनका इलाज जारी है। गोलीबारी के तुरंत बाद, पास में गश्त कर रहे अन्य नेशनल गार्ड जवानों ने संदिग्ध को घेर लिया। जवाबी कार्रवाई में संदिग्ध को भी गोली लगी है और उसे गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया गया है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, संदिग्ध की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल (29 वर्षीय अफगानी नागरिक) के रूप में हुई है, जो “ऑपरेशन एलाइज़ वेलकम” के तहत 2021 में अमेरिका आया था।
राष्ट्रपति ट्रंप का कड़ा बयान
घटना के समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फ्लोरिडा में थे, लेकिन उन्हें तुरंत स्थिति की जानकारी दी गई। उन्होंने सोशल मीडिया और एक वीडियो संबोधन में इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे एक आतंकवादी घटना बताया। ट्रंप ने कहा कि यह “बुराई, नफरत और आतंक का काम” था और होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) का मानना है कि संदिग्ध अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमलावर को 2021 में उनके निकासी अभियान के तहत लाया गया था।
राष्ट्रपति ने हमलावर को “जानवर” बताते हुए चेतावनी दी कि उसे “इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।” घटना के मद्देनजर, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने राजधानी डीसी में सुरक्षा मजबूत करने के लिए 500 अतिरिक्त नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात करने का निर्देश दिया है। एफबीआई और स्थानीय पुलिस विभाग इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या यह हमला जानबूझकर सैनिकों को निशाना बनाकर किया गया था और क्या इसके पीछे कोई आतंकी मंशा थी।


