अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर भगवा धर्म ध्वज फहराए जाने की घटना से पाकिस्तान बौखला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पाकिस्तान ने भारत पर ‘बढ़ते इस्लामोफोबिया’ का आरोप लगाया है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह कदम भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव बनाने और ‘हिंदुत्व विचारधारा’ के प्रभाव में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने के बड़े पैटर्न को दर्शाता है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत की न्यायिक प्रक्रियाओं (जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया) ने अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव को बढ़ावा दिया है। उसने इसे ‘ऐतिहासिक जगहों की कथित बेअदबी’ बताया।
पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भारत में ‘बढ़ते इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और नफरत से प्रेरित हमलों’ पर ध्यान देने की अपील की है। उसने भारत सरकार से अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
भारत का रुख
भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। भारत अक्सर पाकिस्तान को नसीहत देता रहा है कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर उपदेश देने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों की बदहाल स्थिति पर ध्यान दे, जहाँ जबरन धर्म परिवर्तन और अत्याचार की खबरें लगातार आती रहती हैं।


