गुवाहाटी में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जा रहा दूसरा टेस्ट मैच अब भारत की पहुँच से काफी दूर होता दिख रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 489 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करके मैच पर मजबूत पकड़ बना ली है। भारतीय टीम के लिए न सिर्फ फॉलोऑन बचाना बल्कि यह मैच जीतना भी ‘चमत्कार’ जैसा लग रहा है। इसके पीछे कुछ ऐतिहासिक और सांख्यिकीय कारण हैं, जो टीम इंडिया के खिलाफ जा रहे हैं। इस मुश्किल स्थिति में टीम इंडिया को एडिलेड (2003) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली ऐतिहासिक जीत से प्रेरणा लेनी होगी। तब ऑस्ट्रेलिया के 556 रन के जवाब में भारत ने राहुल द्रविड़ (233) और वीवीएस लक्ष्मण (148) की बदौलत 523 रन बनाकर शानदार वापसी की थी।
गुवाहाटी टेस्ट के दूसरे दिन भारत ने तीसरे सत्र में अपनी पारी संभाल ली है।
- भारत ने 7 विकेट पर 170 रन का स्कोर पार कर लिया है।
- निचले क्रम में कुलदीप यादव और वाशिंगटन सुंदर के बीच एक महत्वपूर्ण 50+ रन की साझेदारी हो चुकी है।
- यह साझेदारी भारत को फॉलोऑन से बचाने में मदद कर रही है।
आंकड़े जो भारत के खिलाफ हैं
टेस्ट क्रिकेट में कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स हैं, जो बताते हैं कि गुवाहाटी टेस्ट जीतना भारत के लिए लगभग असंभव है:
| स्थिति | कुल मौके | भारत की जीत | भारत की हार | मैच ड्रॉ |
| घरेलू टेस्ट में 150+ ओवर गेंदबाजी | 72 बार | 5 बार | 18 बार | 48 बार |
- गुवाहाटी टेस्ट की पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों ने 151.1 ओवर फेंके। इतिहास गवाह है कि जब भी भारत ने घरेलू मैदान पर 150 या उससे अधिक ओवर फेंके हैं, उसे जीत कम और ड्रॉ या हार अधिक मिली है। 72 मौकों में से भारत को सिर्फ 5 बार ही जीत मिली है, जबकि 48 मैच ड्रॉ रहे हैं।
- यह मैच छठा मौका है जब भारत के पांच गेंदबाजों (बुमराह, सिराज, जडेजा, कुलदीप, वाशिंगटन सुंदर) ने 25 से अधिक ओवर फेंके हैं। पिछले पांच में से चार मैच ड्रॉ रहे और एक में भारत को हार मिली।
- ये आंकड़े स्पष्ट बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका ने न सिर्फ बड़ा स्कोर बनाया है, बल्कि उसने भारत को लंबे समय तक फील्डिंग कराकर उसकी जीत की रणनीति को भी तोड़ दिया है।


