कांग्रेस ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को ‘नोटबंदी और लॉकडाउन’ की तरह ही जल्दबाजी में लागू करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है। ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (BLO) की कथित मौतों और काम के अत्यधिक दबाव को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग (EC) पर हमला बोला है।
BLO की मौतों पर गहरी चिंता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एसआईआर ड्यूटी के दौरान बीएलओ की मौतों पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उनका आरोप है कि काम के अत्यधिक भार और मानसिक तनाव के कारण बीएलओ और पोलिंग अधिकारी आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, और दिखाए जा रहे मौतों के आंकड़े वास्तविक संख्या से कहीं अधिक हैं।
वोट चोरी और दबाव का आरोप
- कांग्रेस का आरोप है कि एसआईआर को एक बहुत ही कम समय सीमा में लागू किया गया, जिससे बीएलओ पर भारी और अमानवीय दबाव बन रहा है।
- फर्जी वोट कटिंग: पार्टी ने यह भी दावा किया है कि एसआईआर के बहाने बड़े पैमाने पर ‘वोट चोरी’ हो रही है, जहां बीएलओ के द्वारा बिना घर गए और फर्जी तरीके से लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं।
- संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल: कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि संवैधानिक संस्थाएं “क्रूर और निर्मम सरकार” के अधीन अपनी गरिमा और निष्पक्षता के साथ काम करने में असमर्थ महसूस कर रही हैं।
सड़कों पर उतरने की चेतावनी
कांग्रेस ने एसआईआर प्रक्रिया में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। पार्टी ने इसे “लोकतंत्र तथा विपक्षी पार्टियों को खत्म करने का भयावह तथा सुनियोजित षड्यंत्र” बताया है। वहीं, केरल सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव पूरे होने तक एसआईआर स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है।


