रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका द्वारा पेश किए गए एक नए शांति प्रस्ताव (US Peace Plan) का सावधानीपूर्वक स्वागत किया है। पुतिन ने शुक्रवार (21 नवंबर, 2025) को कहा कि यह प्रस्ताव अंतिम शांति समझौते की नींव बन सकता है, जिससे यूक्रेन युद्ध के जल्द सुलझने की एक नई आस जगी है।
अमेरिकी प्रस्ताव और पुतिन का रुख
अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक 28-सूत्रीय मसौदा (28-point draft proposal) पेश किया है। इस प्रस्ताव में ऐसे प्रावधान शामिल हैं जो मॉस्को की कुछ पुरानी मांगों को पूरा करते हैं, जिसके कारण पुतिन ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
- पुतिन का बयान: पुतिन ने मॉस्को में रूसी सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, “मेरा मानना है कि इसे अंतिम शांतिपूर्ण समझौते के आधार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।”
- यूक्रेन पर आरोप: हालांकि, पुतिन ने तुरंत ही कीव पर इस योजना का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अभी तक यूक्रेनी पक्ष से इस पर सहमति नहीं ली है, और उन्हें लगता है कि यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी अभी भी यह भ्रम पाले हुए हैं कि वे युद्ध के मैदान पर रूस को रणनीतिक रूप से हरा सकते हैं।
प्रस्ताव की मुख्य शर्तें
यह मसौदा प्रस्ताव, जिसे रूस के पक्ष में झुका हुआ माना जा रहा है, इसमें यूक्रेन के लिए कई कठिन शर्तें शामिल हैं:
- क्षेत्रीय रियायत: यूक्रेन को अपने पूर्वी डोनबास क्षेत्र और क्रीमिया को वास्तविक रूसी क्षेत्र (de facto Russian territory) के रूप में मान्यता देनी होगी।
- सैन्य कटौती: यूक्रेन को अपनी सेना की क्षमता को सीमित या आधा करना होगा और नाटो (NATO) सदस्यता की अपनी महत्वाकांक्षा को छोड़ना होगा।
- सुरक्षा गारंटी: यूक्रेन को सीमित सुरक्षा गारंटी दी जाएगी, जबकि रूस को भविष्य में आक्रमण न करने की प्रतिबद्धता दिखानी होगी।
- संपत्ति का उपयोग: रूस को यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र ज़ापोरिज़्जिया (Zaporizhzhia) से उत्पादित आधी बिजली का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
जेलेंस्की के लिए दुविधा
इस प्रस्ताव पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि उनका देश सबसे मुश्किल घड़ी का सामना कर रहा है। उन्होंने आशंका जताई है कि यूक्रेन को या तो अपना सम्मान खोना पड़ेगा या एक अहम पार्टनर (अमेरिका) को खोने का खतरा उठाना पड़ेगा। जेलेंस्की ने जोर देकर कहा है कि वह देश के साथ धोखा नहीं करेंगे और संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करेंगे, जिसमें क्षेत्रीय संप्रभुता शामिल है। अमेरिका ने यूक्रेन को इस प्रस्ताव पर जल्द जवाब देने को कहा है, जिससे कीव पर दबाव बढ़ गया है।


