पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच विवाद गहराता जा रहा है।
ममता बनर्जी ने EC को लिखा कड़ा पत्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार को एक और कड़ा पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य में चल रहे SIR अभियान को तुरंत रोकने की मांग की है।
- ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया को ‘अव्यवस्थित’, ‘खतरनाक’ और ‘बिना प्लान के’ बताया है।
- उन्होंने आरोप लगाया है कि SIR को अधिकारियों और नागरिकों पर थोपा जा रहा है, जिससे यह ‘बहुत खतरनाक स्टेज’ पर पहुँच गया है और सिस्टम पंगु हो गया है।
- उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदाता सूची से नाम कटने के डर से अब तक लगभग 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें SIR के दबाव के कारण जान देने वाले दो बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) भी शामिल हैं।
टीएमसी की समीक्षा बैठक
- पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के निर्देश पर, टीएमसी ने SIR प्रक्रिया की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
- इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता आगे की रणनीति और इस प्रक्रिया का विरोध करने के तरीकों पर विचार करेंगे, जिसे वे लाखों वैध मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश बता रहे हैं।
भाजपा का पलटवार
- भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों को खारिज कर दिया है।
- भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि टीएमसी कानूनी और संवैधानिक SIR प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रही है।
- भाजपा का कहना है कि टीएमसी यह सब इसलिए कर रही है, क्योंकि SIR के माध्यम से मतदाता सूची से उन घुसपैठियों के नाम हट जाएंगे, जिन्हें पिछली सरकारों के दौरान जोड़ा गया था।
- SIR प्रक्रिया के तहत 2002 की वोटर लिस्ट से मौजूदा सूची के मिलान में बड़ी विसंगतियां सामने आने के बाद यह पूरा विवाद शुरू हुआ है।


