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    भारत-अमेरिका रक्षा सौदे को मंज़ूरी : ये मिसाइलें और उपकरण मिलेंगे, जानें क्या होगा फायदा

    अमेरिका के विदेश विभाग ने भारत को 93 मिलियन डॉलर मूल्य के सैन्य उपकरण बेचने के सौदे को मंज़ूरी दे दी है। यह सौदा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करेगा और भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देगा।


    सौदे में शामिल मुख्य मिसाइलें और उपकरण

    यह रक्षा पैकेज मुख्य रूप से एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम और सटीक-निर्देशित तोपखाने राउंड्स पर केंद्रित है।

    उपकरण का नामप्रकारमात्रामुख्य विशेषताएँ
    FGM-148 जेवलिन (Javelin) मिसाइलेंएंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM)100 मिसाइलेंफायर-एंड-फॉरगेट: यह तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है जो टैंकों पर ऊपर से हमला (Top-Attack) करती है, जहाँ उनका कवच सबसे कमज़ोर होता है। इसे लॉकहीड मार्टिन और आरटीएक्स (RTX) ने संयुक्त रूप से बनाया है।
    जेवलिन कमांड लॉन्च यूनिट्स (CLU)लॉन्च यूनिट25 यूनिटये हल्के, पुन: प्रयोज्य (Reusable) लॉन्च यूनिट हैं, जो सैनिकों को मिसाइल को निर्देशित और फायर करने में मदद करती हैं।
    एम982 एक्सकैलिबर (Excalibur) राउंड्ससटीक-निर्देशित आर्टिलरी (तोपखाने) राउंड216 राउंडजीपीएस-निर्देशित: ये आर्टिलरी गोले जीपीएस का उपयोग करके उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदते हैं, जिससे सहायक क्षति (Collateral Damage) कम होती है। इनकी कीमत करीब $47 मिलियन है।

    इस सौदे का महत्व

    • जेवलिन मिसाइलें भारतीय पैदल सेना इकाइयों को बख्तरबंद लक्ष्यों जैसे कि टैंकों को लंबी दूरी से अत्यंत सटीकता के साथ नष्ट करने की अभूतपूर्व क्षमता प्रदान करेंगी।
    • एक्सकैलिबर राउंड्स भारतीय सेना की तोपखाने इकाइयों की सटीकता को बढ़ाएंगे, विशेष रूप से पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों में, जहाँ सटीक हमला महत्वपूर्ण होता है।
    • अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने कहा है कि यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी और मौजूदा और उभरते खतरों का मुकाबला करने की भारत की क्षमता को बढ़ाएगी।
    • डीएससीए ने इस सौदे की औपचारिक सूचना अमेरिकी कांग्रेस को दे दी है, और कांग्रेस की समीक्षा अवधि के बाद यह सौदा अंतिम रूप लेगा। यह कदम दर्शाता है कि अमेरिका भारत को एक महत्वपूर्ण इंडो-पैसिफिक पार्टनर के रूप में देखते हुए, उसकी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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