भारतीय क्रिकेट टीम में युवा ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता में नंबर तीन पर भेजने को लेकर तकरार तेज हो गई है। टीम प्रबंधन के इस मूव पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने गंभीर सवाल उठाए हैं और आलोचना की है।
गलत फैसले की कीमत
- टीम प्रबंधन सुंदर को तीसरे नंबर पर एक अस्थायी समाधान (फ्लोटर) के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि बल्लेबाजी क्रम में संतुलन लाया जा सके। हालांकि, इस नंबर पर उनकी असफलता ने टीम के मध्यक्रम को कमजोर किया है।
- सुंदर ने मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए कुछ मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है, जिससे पारी को गति देने में कठिनाई हुई है।
गांगुली और कार्तिक के गंभीर सवाल
सौरव गांगुली का सवाल: पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सुंदर को नंबर-3 पर खिलाने के फैसले की टाइमिंग पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा: “यह समझना मुश्किल है कि इतने महत्वपूर्ण समय में सुंदर को ऊपर क्यों भेजा जा रहा है। सुंदर एक अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन नंबर-3 पर आपको एक विशेषज्ञ बल्लेबाज की जरूरत होती है जो पारी को संभाल सके। क्या टीम किसी बड़े टूर्नामेंट से पहले बेवजह प्रयोग कर रही है?” गांगुली ने सुझाव दिया कि सुंदर को विशेषज्ञ बल्लेबाज के बजाय निचले क्रम में एक उपयोगी ऑलराउंडर के रूप में ही खिलाया जाना चाहिए।
दिनेश कार्तिक की राय: दिनेश कार्तिक ने वाशिंगटन सुंदर के रोल की तुलना दीपक हुड्डा और शिवम दुबे जैसे अन्य ऑलराउंडरों से की। कार्तिक ने कहा: “यदि आप सुंदर को नंबर-3 पर खिला रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप उनसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज की तरह प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं, जो वह नहीं हैं। उनके पास वह कौशल नहीं है जो इस नंबर के लिए आवश्यक है। यह फैसला टीम के संतुलन को बिगाड़ रहा है।” उन्होंने टीम प्रबंधन से अनुरोध किया कि वे नंबर-3 के लिए एक स्थिर और विशेषज्ञ बल्लेबाज को चुनें।


