मशहूर फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट समेत आठ लोगों पर राजस्थान के उदयपुर में 30 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर इंदिरा आईवीएफ (Indira IVF) के संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया ने भूपालपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है।
डॉ. अजय मुर्डिया के मुख्य आरोप:
- भारी मुनाफा कमाने का झांसा: डॉ. मुर्डिया का आरोप है कि विक्रम भट्ट और उनके साथियों ने उन्हें फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बनाने के नाम पर निवेश के लिए प्रेरित किया। उन्हें कथित तौर पर यह आश्वासन दिया गया था कि प्रस्तावित फिल्म से 200 करोड़ रुपये तक का मुनाफा हो सकता है।
- दिवंगत पत्नी पर बायोपिक: यह निवेश डॉ. मुर्डिया की दिवंगत पत्नी की याद में एक बायोपिक और कुछ अन्य प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए किया गया था।
- वादाखिलाफी: शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने 30 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निवेश की, लेकिन विक्रम भट्ट ने वादे के अनुसार फिल्में नहीं बनाईं। कुछ बनी हुई फिल्मों के पूरे अधिकार भी उन्हें नहीं दिए गए, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ।
- फंड का दुरुपयोग: डॉ. मुर्डिया ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रोडक्शन हाउस द्वारा फिल्म निर्माण के बजाय उस पैसे का इस्तेमाल अपने हितों की पूर्ति के लिए किया गया।
विक्रम भट्ट का पक्ष और खंडन
मामला दर्ज होने के बाद फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया है।
- आरोपों को नकारा: भट्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें सोमवार को एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिली और उनके अनुसार, यह शिकायत पूरी तरह से भ्रामक है।
- पुलिस को गुमराह करने का आरोप: उन्होंने दावा किया कि डॉ. मुर्डिया ने पुलिस को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है, और यह संभव है कि उन्होंने फर्जी या मनगढ़ंत दस्तावेज पेश किए हों।
- डॉक्टर पर पलटवार: भट्ट ने यह भी आरोप लगाया कि डॉ. मुर्डिया ने एक अन्य फिल्म प्रोजेक्ट ‘विराट’ को बीच में ही रोक दिया और टेक्नीशियनों को दिए जाने वाले 250 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान नहीं किया है। उनका मानना है कि यह एफआईआर बकाया चुकाने से बचने की एक रणनीति है।
पुलिस ने फिलहाल एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। दोनों पक्ष अपने-अपने बयानों के समर्थन में सबूत पेश करने की बात कह रहे हैं।


