बिहार चुनाव परिणाम 2025 के बाद, जहाँ एक ओर NDA ने जीत हासिल की है, वहीं विपक्ष ने चुनाव आयोग (ECI) पर ‘वोट चोरी’ का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले हुए SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा किया है।
SIR प्रक्रिया और ‘वोट चोरी’ का आरोप
एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में बड़े बदलाव किए थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, करीब 69 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए थे। इसी अवधि में 21 लाख नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने इस पर हमला करते हुए X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया कि यह साफ तौर पर ‘वोट चोरी’ है। उनका आरोप है: “बिहार में नरेंद्र मोदी-अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग ने SIR कर 69 लाख वोट काट दिए। जिन लोगों के वोट काटे गए, वे विपक्ष के वोटर थे, जिन्हें टारगेट कर लिस्ट से बाहर किया गया।” कांग्रेस का कहना है कि ECI ने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया, जिसके कारण विपक्ष को भारी नुकसान हुआ।
खड़गे के घर हुई महत्वपूर्ण बैठक
बिहार चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। बैठक समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग (ECI) और SIR को परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराया। नेताओं ने दोहराया कि कई स्तर पर गड़बड़ी हुई है और “वोट चोरी की जा रही है।” कांग्रेस नेताओं ने घोषणा की है कि पार्टी अब पूरे वोटिंग डेटा की विस्तृत जांच करेगी। डेटा की गहराई से समीक्षा करने के बाद, पार्टी मीडिया के सामने असली कारण पेश करेगी कि बिहार में कांग्रेस की करारी हार के पीछे क्या कारण रहे।
यह विवाद दिखाता है कि विपक्ष ने चुनाव नतीजों को स्वीकार करने के बजाय मतदाता सूची में हुई बड़े पैमाने पर कटौती को अपनी हार का मुख्य कारण माना है और उन्होंने ECI के आचरण पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं।


