दिल्ली में हुए कार विस्फोट के मामले में अल-फ़लाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा का नाम सामने आने के बाद, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) भूपिंदर कौर आनंद ने दो-पृष्ठों का एक आधिकारिक बयान जारी किया है। यह बयान उस खबर के संदर्भ में आया है जिसमें पुलवामा निवासी हमलावर डॉ. उमर नबी का संबंध इसी विश्वविद्यालय से बताया गया था।
बयान में विश्वविद्यालय ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है और चल रहे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है:
दुख और निंदा: “हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम से बहुत व्यथित हैं और इसकी निंदा करते हैं। हमारे विचार और प्रार्थनाएं इन दुखद घटनाओं से प्रभावित हुए सभी निर्दोष लोगों के साथ हैं।”
हिरासत में लिए गए डॉक्टरों से संबंध: विश्वविद्यालय ने पुष्टि की है कि उन्हें पता चला है कि उनके दो डॉक्टरों को जाँच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है।
- विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि “विश्वविद्यालय का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है,” सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में अपनी आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे थे।
झूठे आरोपों का खंडन:
- बयान में उन आरोपों का खंडन किया गया है जो कुछ ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म द्वारा प्रसारित किए जा रहे हैं, जो “विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और सद्भावना को स्पष्ट रूप से कलंकित करने” के उद्देश्य से हैं।
- विशेष रूप से, विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि: “ऐसा कोई भी रसायन या सामग्री विश्वविद्यालय परिसर में इस्तेमाल, संग्रहीत या संभाली नहीं जा रही है, जैसा कि कुछ प्लेटफ़ॉर्म द्वारा लगाए गए आरोपों में कहा गया है।”
- प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल और केवल MBBS छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए किया जाता है।
राष्ट्र के प्रति एकजुटता और सहयोग:
- विश्वविद्यालय ने ज़ोर देकर कहा कि एक जिम्मेदार संस्था के रूप में, वे राष्ट्र के साथ एकजुटता से खड़े हैं और देश की एकता, शांति और सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।
- विश्वविद्यालय “संबंधित जाँच अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दे रहा है” ताकि वे “राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुँच सकें।”
शैक्षणिक माहौल का महत्व:
- विश्वविद्यालय ने यह भी सुनिश्चित करने की बात कही है कि छात्रों की शिक्षा “शांति, सामान्यता और शैक्षणिक अनुशासन के माहौल में” जारी रहे।


