दिल्ली के लाल किला के पास हुए कार विस्फोट की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस आतंकी घटना के पीछे चार डॉक्टरों के एक मॉड्यूल का हाथ होने का संदेह है, जो कथित तौर पर फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े थे। विस्फोट में इस्तेमाल हुई i20 कार के ड्राइवर को मुख्य संदिग्ध डॉक्टर मोहम्मद उमर माना जा रहा है। डॉ. उमर फरीदाबाद के अल फलह मेडिकल कॉलेज में तैनात था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि डॉ. उमर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इस फिदायीन (आत्मघाती) हमले को अंजाम दिया। सीसीटीवी फुटेज में धमाके से ठीक पहले कार में डॉ. उमर के होने की पुष्टि हुई है।
विस्फोटक और जगह का चुनाव
जांच में सामने आया है कि इस धमाके में वही अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया, जो हाल ही में फरीदाबाद से भारी मात्रा में बरामद किया गया था। कार में फ्यूल ऑयल के साथ अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर रखा गया था। हमलावरों ने लाल किले के पास की जगह और शाम 6:52 बजे का समय इसलिए चुना ताकि अधिकतम हताहत हों और इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नैरेटिव बन सके।
धमाके से पहले कार की लोकेशन
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि हमले में इस्तेमाल हुई कार वारदात से तीन घंटे पहले, दोपहर 3:19 बजे से पास की सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में खड़ी थी। धमाके से महज 4 मिनट पहले (6:48 बजे) ही कार को पार्किंग से निकाला गया।
गिरफ्तार हुए 3 अन्य डॉक्टर
डॉ. उमर के अलावा, फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े कम से कम तीन अन्य डॉक्टरों को भी पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है:
- डॉक्टर मुजम्मिल शकील उर्फ मुसैब: फरीदाबाद के अल फलह यूनिवर्सिटी का फैकल्टी, जिसकी गिरफ्तारी के बाद ही माना जा रहा है कि डॉ. उमर ने घबराकर हमला किया।
- डॉ. अदील राथर: अनंतनाग गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में तैनात था और उमर का करीबी बताया जाता है। इसकी पहली गिरफ्तारी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पोस्टर लगाने के मामले में हुई थी।
- डॉ. शाहीन शाहिद: लखनऊ की रहने वाली, जो डॉ. शकील की अल फलह यूनिवर्सिटी की सहयोगी थी।
- पुलिस ने इस मॉड्यूल के कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 7 कश्मीर से हैं।


