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    250 करोड़ का है तिरुपति मंदिर लड्डू घोटाला: 5 साल तक नकली घी का हुआ इस्तेमाल

    देश के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में चढ़ाए जाने वाले लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई (CBI) जांच में खुलासा हुआ है कि एक डेयरी ने लगभग 5 साल तक मंदिर को 68 लाख किलो नकली घी की आपूर्ति की, जिसकी अनुमानित कीमत करीब ₹250 करोड़ है। सीबीआई की विशेष जांच टीम (SIT) ने बताया कि उत्तराखंड की ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’, जो 2019 से 2024 तक घी की आपूर्ति कर रही थी, उसने कभी भी असली दूध या मक्खन की खरीद नहीं की।

    • डेयरी ने नकली घी तैयार करने के लिए मोनोडाईग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर जैसे रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया।
    • आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी सामने आई, जिसने डेयरी को इन केमिकल्स की सप्लाई की थी।
    • डेयरी के संचालक पोमिल जैन और विपिन जैन पर दूध खरीद के झूठे रिकॉर्ड तैयार करने का भी आरोप है।

    ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी जारी रही सप्लाई

    सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, जब 2022 में भोले बाबा डेयरी को ब्लैकलिस्ट किया गया, तब भी इन लोगों ने अन्य कंपनियों के नाम का उपयोग करके नकली घी की आपूर्ति जारी रखी:

    • वैष्णवी डेयरी (तिरुपति)
    • माल गंगा डेयरी (उत्तर प्रदेश)
    • एआर डेयरी फूड्स (तमिलनाडु)

    अस्वीकृत घी को दोबारा बेचा गया

    जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि जुलाई 2023 में TTD द्वारा रिजेक्ट किए गए चार टैंकर घी (जिसमें पशु वसा की मिलावट थी) को भोले बाबा डेयरी ने लेबल बदलकर फिर से मंदिर को भेज दिया।

    • एजेंसी को पता चला कि रिजेक्ट घी वापस नहीं गया, बल्कि स्थानीय स्टोन क्रशिंग यूनिट (जो वैष्णवी डेयरी के पास थी) में भेजा गया।
    • अगस्त 2024 में, वैष्णवी डेयरी ने उसी घी को प्रोसेस किया, लेबल बदला और फिर से तिरुपति मंदिर को सप्लाई कर दिया, जिसका उपयोग भगवान वेंकटेश्वर के लड्डू प्रसाद में हुआ।

    सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका

    • सीबीआई ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में इसे केवल धोखाधड़ी नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था से जुड़ा गंभीर अपराध बताया है। एजेंसी अब TTD के उन अधिकारियों की मिलीभगत की जाँच कर रही है जो इस घोटाले में शामिल थे।
    • मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में इस प्रकरण पर एसआईटी जांच के निर्देश दिए थे, क्योंकि यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मुद्दा है।

    मंदिर प्रबंधन का दावा

    विवाद के बाद, मंदिर प्रबंधन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 21 सितंबर को दावा किया था कि श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रसाद अब पूरी तरह से शुद्ध व पवित्र है और वे इसकी दिव्यता और पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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