भारतीय मूल के मुस्लिम उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद अपने पहले संबोधन में, ममदानी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए ‘पुराने से नए की ओर’ बढ़ने का आह्वान किया, जिसने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
🗳️ ऐतिहासिक जीत और रिकॉर्ड तोड़ मतदान
- प्रमुख प्रतिद्वंदियों को हराया: डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ममदानी ने इस महत्वपूर्ण मेयर चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो (निर्दलीय) और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार कर्टिस स्लीवा को हराकर बड़ी जीत हासिल की है।
- मतदान आंकड़े: ममदानी ने 948,202 वोट (50.6%) हासिल किए, जबकि कुओमो को 776,547 वोट (41.3%) और स्लीवा को 137,030 वोट मिले।
- रिकॉर्ड मतदान: एनवाईसी चुनाव बोर्ड के अनुसार, 1969 के बाद पहली बार दो मिलियन से अधिक वोट डाले गए, जो इस चुनाव के महत्व को दर्शाता है।
💬 पहले संबोधन में नेहरू का जिक्र और राजनीतिक बदलाव का संदेश
जोहरान ममदानी ने अपनी जीत के बाद लोगों को संबोधित करते हुए एक सशक्त संदेश दिया:
- नेहरू के शब्द: “मैं जवाहरलाल नेहरू के शब्दों के बारे में सोचता हूं। इतिहास में ऐसा क्षण बहुत कम आता है जब हम पुराने से नए की तरफ कदम बढ़ाते हैं। जब एक युग का अंत होता है और एक राष्ट्र की आत्मा को अभिव्यक्ति मिलती है। आज रात हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।”
- सभी न्यू यॉर्कवासियों का आभार: ममदानी ने उन न्यू यॉर्कवासियों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया और कहा कि वह उनका विश्वास जीतने के अवसर के लिए आभारी हैं। उन्होंने प्रतिज्ञा ली, “मुझे आपके विश्वास के योग्य साबित करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद। मैं हर सुबह एक ही उद्देश्य के साथ जागूंगा, कि इस शहर को आपके लिए कल से बेहतर बनाना।”
- राजनीतिक वंश का अंत: ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो का नाम लेते हुए कहा, “दोस्तों, हमने एक राजनीतिक वंश को उखाड़ फेंका है। मैं एंड्रयू कुओमो के निजी जीवन में उनके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं, लेकिन आज रात मैं आखिरी बार उनका नाम लूंगा क्योंकि हम एक ऐसी राजनीति का पन्ना पलट रहे हैं जो बहुतों को छोड़ देती है और केवल कुछ लोगों को जवाबदेह ठहराती है। न्यूयॉर्क, आज रात आपने काम कर दिखाया।”
ममदानी का यह संबोधन न केवल उनकी जीत का जश्न था, बल्कि न्यूयॉर्क की राजनीति में एक नए और प्रगतिशील युग की शुरुआत का संकेत भी था। नेहरू के शब्दों का जिक्र करना उनके भारतीय जुड़ाव और विश्वदृष्टि को भी दर्शाता है।


