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    पश्चिमी विक्षोभ से मौसम में उलटफेर: उत्तर भारत में बारिश, बर्फबारी और ठंड की दस्तक

    उत्तर भारत आज, 4 नवंबर से मौसम के एक बड़े बदलाव के दौर से गुजरने वाला है। एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव से पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जाएगी और शरद की ठिठुरन अब सर्दी की ठंड में बदलने वाली है।

    पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी की संभावना

    भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के चलते इन क्षेत्रों में मौसम बदलेगा:

    • जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: आज (4 नवंबर) से गरज-चमक के साथ बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है।
    • ओले और तेज हवाएं: कुछ स्थानों पर ओले गिरने और 40-50 किमी प्रति घंटा की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
    • तापमान में गिरावट: उच्च हिमालयी गांवों में तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट संभव है।
    • पर्यटन स्थल: शिमला, मनाली, गुलमर्ग, सोनमर्ग और औली जैसे पर्यटन स्थलों पर सीजन की पहली बड़ी बर्फबारी की उम्मीद है। यात्रियों को पर्वतीय मार्गों पर फिसलन के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

    मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और स्मॉग की चुनौती

    • पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश: इन मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश, बादल छाए रहने और तेज हवाएं चल सकती हैं।
    • इस मौसमी गतिविधि के कारण न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट आएगी और सर्दी की शुरुआत महसूस होगी। IMD के अनुसार, उत्तर भारत में अगले 72 घंटों में न्यूनतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जिससे शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं।
    • दिल्ली में सुबह से ही घना स्मॉग छाया रहा। पश्चिमी विक्षोभ से हवा में नमी बढ़ेगी, जो प्रदूषण के साथ मिलकर स्मॉग की परत को और घना कर सकती है। हालांकि, हल्की वर्षा से प्रदूषण में अस्थायी सुधार हो सकता है, लेकिन नमी बढ़ने से दृश्यता और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI 400+ ‘गंभीर’ श्रेणी) दोनों ही चुनौतीपूर्ण बने रहेंगे।

    🌾 कृषि और अन्य क्षेत्रों पर असर

    • तेज हवाओं और संभावित बूंदाबांदी का असर खरीफ की अंतिम कटाई और गेहूं की बुवाई पर पड़ सकता है।
    • मध्य भारत में भी 48 घंटों के बाद तापमान में गिरावट शुरू होने का अनुमान है।

    अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का प्रभाव

    अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कमजोर पड़ रहे कम-दबाव क्षेत्रों के अवशेषों से पूर्वोत्तर भारत, अंडमान-निकोबार और मध्य भारत (मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश) के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और आसमानी बिजली चमकने की संभावना है। मछुआरों को अंडमान-निकोबार क्षेत्र में समुद्री हवाओं के कारण सावधान रहने की सलाह दी गई है।

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