भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आखिरकार 52 साल का इंतजार खत्म करते हुए पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि इन खिलाड़ियों के सालों के संघर्ष, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास की कहानी है। इन खिलाड़ियों ने अपने कठिन समय (जैसे लगातार 3 हार) में भी हार नहीं मानी। आत्मविश्वास और एकजुटता के साथ उन्होंने हर बाधा को पार किया और भारत को उसका पहला विश्व कप खिताब दिलाया। आइए, जानते हैं उन बेटियों के बारे में जिन्होंने देश को यह गौरव दिलाया:
कप्तान हरमनप्रीत कौर: सबसे उम्रदराज विश्व विजेता कप्तान
- फाइनल के दिन हरमनप्रीत कौर (36 साल 239 दिन) महिला विश्व कप खिताब जीतने वाली दुनिया की सबसे उम्रदराज कप्तान बनीं। सफलता की कहानी: 2005 और 2017 में विश्व कप फाइनल में मिली निराशा के बाद, हरमनप्रीत की कप्तानी में टीम ने असाधारण दृढ़ता दिखाई। टीम के लगातार तीन मैच हारने के बाद भी, उन्होंने टीम को एकजुट रखा और बाहरी दबाव को नज़रअंदाज़ करते हुए इतिहास रचने के लिए प्रेरित किया।
✨ दीप्ति शर्मा: ऑल-राउंडर मास्टरक्लास
- पुरस्कार: प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
- अविश्वसनीय प्रदर्शन: दीप्ति शर्मा ने फाइनल में बल्ले और गेंद दोनों से इतिहास रचा। बल्ले से उन्होंने 58 रन की महत्वपूर्ण अर्धशतकीय पारी खेली। उन्होंने 5 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका की पारी को ध्वस्त कर दिया।
- वह महिला या पुरुष विश्व कप के नॉकआउट मुकाबले में अर्धशतक और 5 विकेट लेने वाली पहली क्रिकेटर बनीं, जिसने युवराज सिंह के 2011 विश्व कप वाले कारनामे को दोहराया। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक 22 विकेट लेने वाली गेंदबाज भी रहीं, साथ ही उन्होंने 215 रन भी बनाए।
शेफाली वर्मा: सबसे युवा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’
- पुरस्कार: प्लेयर ऑफ द मैच (फाइनल)
- सबसे युवा रिकॉर्ड: 21 साल 279 दिन की उम्र में, वह किसी भी वनडे विश्व कप के फाइनल या सेमीफाइनल में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं।
- जबरदस्त वापसी: सेमीफाइनल से पहले टीम में शामिल हुई शेफाली ने फाइनल में 87 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर भारत को मजबूत शुरुआत दी। इतना ही नहीं, उन्होंने गेंद से भी कमाल दिखाते हुए 2 अहम विकेट लिए। विश्व कप फाइनल में 50 से अधिक रन और 2 विकेट लेने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं।
अन्य स्टार खिलाड़ियों का योगदान:
- स्मृति मंधाना: उप-कप्तान और अनुभवी सलामी बल्लेबाज, जिन्होंने फाइनल में 45 रन बनाकर शेफाली के साथ 104 रन की साझेदारी की, जो महिला विश्व कप फाइनल की दूसरी शतकीय साझेदारी थी।
- जेमिमा रोड्रिग्स: सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 127 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई, जिसने महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज पूरा किया।
- ऋचा घोष: विकेटकीपर-बल्लेबाज, जिन्होंने फाइनल में 24 गेंदों में 34 रन की तूफानी पारी खेलकर भारत को 300 के करीब पहुंचाया।
- श्री चरणी: टूर्नामेंट में 14 विकेट लेने वाली प्रमुख गेंदबाज, जिनकी किफायती और कसी हुई गेंदबाजी ने टीम को मजबूत बनाया।


