चक्रवात ‘मोंथा’ ने आंध्र प्रदेश और आस-पास के राज्यों में भारी तबाही मचाई है। मंगलवार देर रात आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद तूफान कमजोर पड़ गया, लेकिन इसने अपने पीछे जान-माल का भारी नुकसान छोड़ा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों और उत्तरी तटीय क्षेत्रों में हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान जताया है।
आंध्र प्रदेश में भारी तबाही
चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। राज्य में डेढ़ लाख एकड़ (1.5 लाख एकड़) से अधिक में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए, मकान ढह गए और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे बिजली आपूर्ति और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। ‘मोंथा’, जिसका अर्थ खुशबूदार फूल होता है, मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुर के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें लगातार पुनर्वास कार्य में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और सबसे ज्यादा प्रभावित कोनासीमा जिले के राहत शिविरों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को 25 किलो चावल, अन्य जरूरी वस्तुएं और 3,000 रुपये नकद दिए। सरकार ने एहतियाती तौर पर 1.8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था, जिसके कारण नुकसान कम करने में सफलता मिली।
अन्य राज्यों पर ‘मोंथा’ का असर
चक्रवात का असर तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों पर भी पड़ा है, जहाँ लगातार भारी बारिश जारी है। चक्रवात के असर से तेलंगाना में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने वारंगल, हनुमाकोंडा, महबूबाबाद, जनगांव, सिद्दीपेट और यदाद्री भुवनगिरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। तेलंगाना के महबूबाबाद जिले में यार्ड में पानी भरने के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या उनके रूट बदले गए।
- स्कूल में फंसे बच्चे: नलगोंडा जिले में एक आवासीय स्कूल में 500 बच्चे और 26 शिक्षक/कर्मचारी फंस गए थे, जिन्हें बाद में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। तूफान से ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में भी असर देखा गया है। गजपति जिले में सबसे ज्यादा 150.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने यहाँ भी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।


