तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर एक बड़ा और घातक हमला किया है। यह हमला इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता के विफल होने के तुरंत बाद हुआ है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, घात लगाकर किए गए इस हमले में पाकिस्तानी सेना के एक कैप्टन समेत 7 जवान मारे गए हैं। मारे गए अधिकारी की पहचान कैप्टन नोमान के रूप में हुई है। चरमपंथियों ने सुरक्षा बलों के काफिले को अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम कबायली इलाके में आईईडी (IED) विस्फोट और बाद में गोलीबारी के जरिए निशाना बनाया। इस हमले में कम से कम 17 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
जवाबी कार्रवाई और खूंखार कमांडर का हाथ
सुरक्षाबलों ने तुरंत जवाबी गोलीबारी की, जिसमें 7 आतंकवादी मारे गए। सेना ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। रिपोर्टों के मुताबिक, इस हमले के पीछे टीटीपी के खूंखार कमांडर अहमद काजिम का हाथ हो सकता है, जो टीटीपी फील्ड मार्शल के नाम से भी जाना जाता है। काजिम पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। उस पर 100 से अधिक पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की हत्या का आरोप है। यह भीषण हमला पिछले सप्ताह खैबर पख्तूनख्वा में सेना के एक ऑपरेशन में 8 टीटीपी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद टीटीपी की तरफ से एक बदले की कार्रवाई माना जा रहा है।
पाकिस्तान में बढ़ती चरमपंथी हिंसा
अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तानी इलाकों में हाल के दिनों में चरमपंथी हिंसा में तेज वृद्धि देखी गई है, जिसके लिए मुख्य रूप से टीटीपी को जिम्मेदार ठहराया जाता है। पिछले सप्ताह की एक रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में इस साल (22 अक्टूबर तक) आतंकवाद के कारण 298 लोग मारे गए हैं। इनमें 117 पुलिसकर्मी और 181 नागरिक शामिल हैं, जबकि 486 लोग घायल हुए हैं।


