गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ आंध्र प्रदेश तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है, लेकिन अपने पीछे कई तटीय जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं का असर छोड़ गया है। दूसरी ओर, ओडिशा के कुछ हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएँ सामने आई हैं, जिसके बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज़ कर दिया है।
आंध्र तट से टकराया ‘मोंथा’, अब हुआ कमजोर
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ मंगलवार रात से बुधवार सुबह के बीच आंध्र प्रदेश के मध्य तट से टकराया था। इस दौरान हवाओं की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जबकि झोंके 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचे। तट से टकराने के बाद तूफान कमजोर हो गया है। IMD ने मंगलवार को भविष्यवाणी की थी कि यह आंध्र प्रदेश के अंदरूनी इलाकों और दक्षिण ओडिशा के पास पहुंचने के बाद करीब छह घंटे तक मजबूत रहेगा।
केंद्र सरकार ने प्रभावित पूर्वी तटीय राज्यों – आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु – के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
ओडिशा में भूस्खलन और कड़ी निगरानी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने चक्रवात के लैंडफॉल से पहले स्थिति का जायजा लेने के लिए विशेष राहत आयुक्तालय के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया। माझी ने कहा कि ओडिशा अभी सीधे खतरे में नहीं है, लेकिन सभी टीमें किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और आश्रयों में सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। गर्भवती महिलाओं, बीमार लोगों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। स्कूल और आंगनवाड़ी बंद कर दिए गए हैं और अगले 24 घंटों के लिए कड़ी निगरानी जारी है।
गजपति में भूस्खलन:
ओडिशा के गजपति जिले की जिलाधिकारी मधुमिता ने बताया कि लगातार बारिश की वजह से कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। उन्होंने कहा, “शून्य जनहानि का लक्ष्य पाने के लिए 10 हजार लोगों को संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन ने रातभर काम किया ताकि किसी तरह की जनहानि न हो।”
📞 हेल्पलाइन नंबर जारी
आंध्र प्रदेश सरकार ने चक्रवात मोंथा से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए विभिन्न जिलों में नियंत्रण कक्ष बनाए हैं और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:


