विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR 2.0) की घोषणा के बाद सोमवार आधी रात से 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूचियां फ्रीज कर दी गईं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि अब राज्य सरकारों को भी प्रशासनिक फेरबदल के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए 12 दस्तावेजों की सूची में आधार को शामिल किया है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि आधार निवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा। यह केवल पहचान का प्रमाण है।
- असम में SIR क्यों नहीं?
- असम में नागरिकता कानून के तहत अलग प्रावधान लागू हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता जांच की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, इसलिए वहां SIR के लिए अलग आदेश और तिथि घोषित की जाएगी। बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) फॉर्मों के मिलान और लिंकिंग के लिए अधिकतम तीन बार घरों का दौरा करेंगे। बीएलओ यह जांच करेंगे कि संबंधित व्यक्ति का नाम सिर्फ उसी राज्य ही नहीं, बल्कि देश भर की मतदाता सूची में कहीं और तो नहीं है। मतदाता ऑनलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं।
गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया (SIR 2.0):
- जिन राज्यों में एसआईआर प्रस्तावित है, वहां सोमवार रात 12 बजे मतदाता सूचियां फ्रीज हो गईं। गणना प्रपत्र का वितरण: बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) फ्रीज की गई सूची के सभी मतदाताओं को विशिष्ट गणना प्रपत्र देंगे, जिसमें मौजूदा मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे।
- मिलान की प्रक्रिया: मतदाता मिलान करेंगे कि क्या उनका नाम पिछले SIR (ज्यादातर 2002-2004) की सूची में था। यदि हाँ, तो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है, बस प्रपत्र भरकर जमा करना होगा।
- दस्तावेज़ की आवश्यकता: यदि किसी के नाम, या उनके माता-पिता के नाम 2003 की सूची में नहीं थे, तो निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) 12 दस्तावेजों के आधार पर पात्रता निर्धारित करेगा। वैध अतिरिक्त दस्तावेजों को भी आयोग मान्य करेगा।
- अपील का अधिकार: अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद भी, कोई भी मतदाता या निवासी 15 दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के पास अपील कर सकता है और राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के पास दूसरी अपील भी दायर कर सकता है।
नाम दर्ज कराने की अर्हताएं: संविधान की धारा 326 के अनुसार, भारतीय नागरिक, 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो, संबंधित क्षेत्र का निवासी हो, और कानून के तहत किसी मामले में वांछित न हो, वह सूची में नाम शामिल कराने का हकदार है।
अन्य उपाय: भीड़भाड़ से बचने के लिए, किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे और ऊंची इमारतों, गेटेड कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों में नए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजनीतिक दलों के साथ बैठकें करेंगे और उन्हें एसआईआर प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे।


