अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस दावे पर तंज कसा है कि अमेरिकी प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। हाल ही में अमेरिका ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों, रॉसनेफ्ट और लुकोइल, पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं।
ट्रंप का तंज और चेतावनी ट्रंप ने पुतिन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर उन्हें ऐसा लगता है तो अच्छा है। लेकिन छह महीने बाद मैं आपको बताऊंगा कि इसका क्या असर हुआ? देखते हैं, आगे क्या होता है।” व्हाइट हाउस ने कहा है कि ये प्रतिबंध काफी कड़े हैं और बताया कि चीन के बाद भारत ने भी राष्ट्रपति के अनुरोध पर रूस से तेल खरीद कम कर दी है।
पुतिन का पलटवार रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों को ‘बैर बढ़ाने वाली कार्रवाई’ (unfriendly act) बताते हुए चेतावनी दी थी कि इससे वैश्विक तेल कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकारा कि ‘कुछ असर’ होंगे, लेकिन यह भी कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। पुतिन ने ट्रंप को आगाह किया कि रूसी तेल निर्यात पर रोक लगाने की कोशिश वैश्विक तेल बाजारों को अस्थिर कर देगी और अमेरिकी उपभोक्ताओं को इसका असर पेट्रोल पंपों पर महसूस होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मॉस्को दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
फेंटेनाइल और चीन पर ट्रंप का रुख एक अन्य मुद्दे पर बोलते हुए ट्रंप ने चीन द्वारा वेनेजुएला के रास्ते अमेरिका में फेंटेनाइल (घातक ड्रग) की तस्करी पर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि चीन इस तस्करी से अरबों डॉलर कमाता है, लेकिन अब इस पर 20% का भारी टैरिफ लगाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि 1 नवंबर से यह टैरिफ बढ़कर 157% हो जाएगा, जो उनके लिए टिकाऊ नहीं होगा। ट्रंप ने बताया कि वह दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे और उनकी बातचीत में पहला मुद्दा फेंटेनाइल का होगा, जिसके व्यापार के लिए चीन को “बहुत बड़ा जुर्माना” देना पड़ रहा है।


