भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिवाली त्योहार के दौरान देश में हुए बंपर खर्च को लेकर उन आलोचकों पर निशाना साधा है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकोनॉमी’ बताते हैं। भाजपा ने अपने आधिकारिक X (पहले ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया है कि भारतीय उपभोक्ताओं ने सिर्फ दिवाली के त्योहार पर रिकॉर्ड ₹5.40 लाख करोड़ खर्च किए हैं।
पाकिस्तान के सालाना बजट और 86 देशों की जीडीपी से भी अधिक
यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और इसकी तुलनात्मकता इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है:
- पाकिस्तान के पूरे साल के बजट से ज्यादा: भाजपा के अनुसार, दिवाली पर भारतीयों द्वारा खर्च की गई ₹5.40 लाख करोड़ की यह राशि पाकिस्तान के पूरे एक साल के बजट से भी अधिक है। यह पड़ोसी देश की आर्थिक स्थिति और भारत की बढ़ती क्रय शक्ति के बीच के बड़े अंतर को दर्शाता है।
- 86 देशों की कुल जीडीपी से अधिक: इतना ही नहीं, यह विशाल राशि दुनिया के 86 देशों की कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से भी अधिक है। यह आंकड़ा भारत की आंतरिक खपत क्षमता और अर्थव्यवस्था की मजबूती का एक स्पष्ट प्रमाण है।
स्वदेशी और ‘मेड इन इंडिया’ का प्रभाव
भाजपा ने इस खर्च के साथ एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रकाश डाला है। पार्टी ने कहा है कि इस बंपर खर्च में एक खास बात यह है कि देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘स्वदेशी’ के मंत्र को अपनाया है। लोगों ने ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को पहले से कहीं अधिक खरीदना पसंद किया है। यह ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की सफलता को दर्शाता है और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद करता है।
आर्थिक मजबूती का संकेत
यह भारी खर्च भारत की अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता विश्वास और लचीलेपन का एक मजबूत संकेत है। त्योहारी सीजन में बढ़ी हुई खपत से विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार में वृद्धि होती है, रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। यह दर्शाता है कि भारतीय उपभोक्ता बाजार मजबूत है और उसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं।
भाजपा का यह संदेश उन लोगों के लिए एक करारा जवाब है जो वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी भारत की आर्थिक प्रगति पर सवाल उठाते रहे हैं। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को मजबूती प्रदान करता है।