केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में एनडीए (NDA) के भीतर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी व्यक्तिगत राय रखी है। गयाजी में पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयानों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अमित शाह NDA के प्रमुख नेताओं में आते हैं और यदि उन्होंने कुछ कहा है तो उसे आधिकारिक ही माना जाएगा।” हालांकि, मांझी ने अपनी व्यक्तिगत इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि, “व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि चुनाव से पहले नेता यानी होने वाले मुख्यमंत्री का भी नाम तय हो जाना चाहिए था। कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए।”
महागठबंधन पर निशाना और NDA की स्थिति:
मांझी ने अपनी इस राय के लिए महागठबंधन की स्थिति का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि “यह दुविधा महागठबंधन में है जिस वजह से आज तक उनकी लिस्ट फाइनल नहीं हो पाई है।”
उन्होंने एनडीए की स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि, “सौभाग्यवश NDA में अब तक सब कुछ ठीक रहा है।” उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा जताई गई ‘नाराजगी’ का भी जिक्र किया, जब किसी एक पार्टी ने जेडीयू की सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया था, लेकिन साथ ही कहा कि “अब सब कुछ ठीक हो गया है।”
मांझी ने अपने विचार को दोहराते हुए अंत में कहा कि, “व्यक्तिगत तौर पर मेरा विचार है कि चुनाव से पहले जनता के सामने आ जाना चाहिए कि कौन मुख्यमंत्री होंगे।” उनका मानना है कि मुख्यमंत्री के चेहरे की स्पष्टता जनता के बीच किसी भी तरह की अनिश्चितता को दूर करेगी। जीतन राम मांझी का यह बयान बिहार में आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा को जन्म दे सकता है।